हर राज्य की भागीदारी से पूरा होगा विकसित भारत 2047 का सपना, रांची में बोले सुरेश प्रभु
Suresh Prabhu in Ranchi: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि विकसित भारत का सपना तभी पूरा होगा, जब हर राज्य की भागीदारी होगी. झारखंड में विकास की अपार संभावनाएं हैं. झारखड में कोयला, आयरन ओर, लाइमस्टोन, ग्रेफाइट आदि भरपूर मात्रा में है. यहां के रिसोर्स का उपयोग यहीं पर हो. मतलब यह है कि यहीं पर प्लांट लगे. इससे रोजगार भी बढ़ेगा.
Table of Contents
Suresh Prabhu in Ranchi: झारखंड चेंबर में शनिवार को आयोजित ‘झारखंड@25 विकसित भारत 2047’ में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि झारखंड अपार संभावनाओं वाला राज्य है. यहां उद्योग, खनन और संसाधन-आधारित विकास के बड़े अवसर हैं. यहां खनिजों का विशाल भंडार है. इसका उपयोग पूरे देश के औद्योगिक ढांचे में होता है. ऐसे संसाधन समृद्ध राज्य को खनिजों पर प्रीमियम रॉयल्टी मिलनी चाहिए, ताकि झारखंड को उसके संसाधनों के अनुरूप आर्थिक लाभ मिल सके.
राज्य का अधिकार है रॉयल्टी, नीतिगत रूप से लागू किया जाये – प्रभु
उन्होंने जोर देकर कहा कि रॉयल्टी राज्य का अधिकार है और इसे नीतिगत रूप से सुनिश्चित किया जाना चाहिए. कहा कि रेयर अर्थ विश्व की बड़ी चीज हो गयी गयी है. वित्त आयोग के साथ एक बैठक शीघ्र आयोजित की जायेगी. इससे झारखंड के उद्योग जगत से जुड़े मुद्दों पर प्रभावी संवाद हो सकेगा.
हर राज्य की भागीदारी से पूरा होगा विकसित भारत का सपना – पूर्व केंद्रीय मंत्री
विकसित भारत का सपना तभी पूरा होगा, जब हर राज्य की भागीदारी होगी. झारखंड में विकास की अपार संभावनाएं हैं. झारखड में कोयला, आयरन ओर, लाइमस्टोन, ग्रेफाइट आदि भरपूर मात्रा में है. यहां के रिसोर्स का उपयोग यहीं पर हो. मतलब यह है कि यहीं पर प्लांट लगे. इससे रोजगार भी बढ़ेगा.
झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
झारखंड में कोयले का हो बेहतर उपयोग – प्रभु
सुरेश प्रभु ने कहा कि प्रदेश में कोयले की भरमार है. इसका बेहतर उपयोग हो, इसके लिए यहां मिथेन प्लांट लगना चाहिए. स्टील का प्लांट खुले. हाइड्रॉलिक प्रोजेक्ट बने, ताकि यहां बिजली का उत्पादन हो. इससे प्रदेश को सस्ती दर पर बिजली मिल पायेगी. इसके लिए एक नीति बनाने की जरूरत है. झारखंड के विकास के लिए एक मैनेजमेंट प्लान बनाने की जरूरत है. जिले और राज्य की क्षमता के अनुसार काम हो, तो इसका लाभ प्रदेश एवं देश दोनों को होगा.
‘प्रदेश के राजस्व का 20 से 40 प्रतिशत विकास पर हो खर्च’
सुरेश प्रभु ने कहा कि वर्तमान समय में झारखंड का अधिकांश पैसे वेतन, पेंशन और ब्याज चुकाने में खर्च हो जाते हैं. विकास योजनाओं पर खर्च के लिए पैसे बचते ही नहीं. प्रदेश के विकास पर राजस्व का 20 से 40 प्रतिशत पैसा खर्च हो, यह सुनिश्चित करना होगा. इसके लिए एक व्यवस्था बनानी होगी, जो विकसित झारखंड और विकसित भारत को बनाने में एक बड़ा योगदान दे सके.
उद्योग क्षेत्र के सामने आनेवाली है बड़ी चुनौती – सुरेश प्रभु
सुरेश प्रभु ने कहा कि जिस हालात से आज विश्व गुजर रहा है, सबसे बड़ी चुनौती उद्योग क्षेत्र के सामने आने वाली है. टैरिफ सहित अन्य कारणों से उद्योग क्षेत्र को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसका असर छोटे उद्योगों पर कम से कम पड़े, इसके लिए स्थानीय स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है.
मिनरल में वैल्यू एडिशन की जरूरत – महेश पोद्दार
राज्यसभा के पूर्व सांसद महेश पोद्दार ने चिंता जतायी कि देश में तकनीकी रूप से काफी प्रयास हो रहे हैं. हम-घूम फिर कर 40 प्रतिशत मिनरल पर आ जाते हैं, जिसका महत्व कम हो रहा है. इसमें वैल्यू एडीशन की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने 2050 तक विकसित झारखंड की बात की है, इसका स्वागत है. प्रधानमंत्री ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है. दोनों में कोई खास अंतर नहीं है, लेकिन देश की वृद्धि दर से लगभग बराबर झारखंड की भी वृद्धि दर होनी चाहिए.
झारखंड के विकास मॉडल को प्राथमिकता दें सरकारें – आदित्य मल्होत्रा
चेंबर के अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह है कि झारखंड के विकास मॉडल को इस्टर्न ग्रोथ कॉरिडोर की दृष्टि से प्राथमिकता दें, ताकि यहां के उद्योग, खनन, एमएसएमइ, स्टार्टअप और सेवा क्षेत्र राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में अग्रणी भूमिका निभा सकें. अर्थशास्त्री अयोध्या नाथ मिश्र ने झारखंड की वर्तमान आर्थिक स्थिति पर विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि झारखंड के सामने चुनौतियां तो हैं, लेकिन अवसर कहीं अधिक बड़े हैं.
Suresh Prabhu in Ranchi: कार्यक्रम में ये लोग भी रहे मौजूद
मौके पर पूर्व राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार, चैंबर के उपाध्यक्ष प्रवीण लोहिया, राम बांगड़, अनिल अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, डॉ अभिषेक रामाधीन, मनीष सर्राफ, तुलसी पटेल, विनीता सिंघानिया, पूर्व अध्यक्ष आरके सरावगी, केके साबू, अंचल किंगर, ललित केडिया, पवन शर्मा, मनोज नरेड़ी, रंजीत टिबड़ेवाल आदि उपस्थित थे. संचालन पूजा ढाढा और धन्यवाद ज्ञापन रोहित अग्रवाल ने किया.
इसे भी पढ़ें
Jharkhand Chamber News : पूर्व अध्यक्षों ने कहा- झारखंड चेंबर में नये चेहरे की जरूरत
Ranchi News : झारखंड में फूड प्रोसेसिंग और टेक्सटाइल में निवेश की संभावनायें : चेंबर
निर्मला सीतारमण ने मानी झारखंड चैंबर की सलाह, तो भारत में लागू होगा अमेरिका जैसा कानून
झारखंड चैंबर ने कहा- खूंटी, गुमला समेत इन आदिवासी बहुल जिलों को रेल मार्ग से जोड़ा जाये
