सरकार बनायेगी सड़क सुरक्षा नीति दिल्ली की तर्ज पर होगी व्यवस्था

राज्य में सड़क दुर्घटना को देखते हुए सरकार सड़क सुरक्षा नीति बनायेगी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शुक्रवार को माले विधायक विनोद सिंह के प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि नेशनल हाइवे सहित अन्य जगहों पर सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले लाेगों के त्वरित इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था की जायेगी़ राज्य में सड़क सुरक्षा परिषद गठित है.

By Shaurya Punj | March 14, 2020 1:02 AM

रांची : राज्य में सड़क दुर्घटना को देखते हुए सरकार सड़क सुरक्षा नीति बनायेगी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शुक्रवार को माले विधायक विनोद सिंह के प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि नेशनल हाइवे सहित अन्य जगहों पर सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले लाेगों के त्वरित इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था की जायेगी़ राज्य में सड़क सुरक्षा परिषद गठित है. सरकार तीन महीने में इसको लेकर एक नीति बनायेगी.

मंत्री ने कहा कि दिल्ली में सड़क सुरक्षा को लेकर बेहतर व्यवस्था की गयी है़ दिल्ली की तर्ज पर झारखंड में भी सुलभ व्यवस्था करने को लेकर सरकार काम करेगी. माले विधायक श्री सिंह का कहना था कि सड़क हादसे में आर्थिक अभाव व बेहतर इलाज से हर वर्ष हजारों लोगों की मौत होती है. जीटी रोड में तीन जगहों चौपारण, बरही और बगोदर में ट्रॉमा सेंटर बनना था, लेकिन नहीं बना. एक भी ट्रॉमा सेंटर नहीं है. इस पर मंत्री श्री गुप्ता का कहना था कि सरकार बेहतर नीति बनायेगी. विधायक के सुझाव को भी शामिल किया जायेगा़ अभी राष्ट्रीय राजमार्ग पर 10 एंबुलेंस काम कर रहे है़ राज्य में छह जिलों में ट्रॉमा सेंटर बनाने का निर्णय सरकार ने लिया है. केंद्र सरकार से आग्रह भी किया गया है.

विधायक सुदिव्य ने सवाल पर मंत्री को घेरा : सदन में विधायक सुदिव्य कुमार का भी ट्रॉमा सेंटर को लेकर तारांकित प्रश्न के तहत एक प्रश्न था़ विधायक ने पूछा था कि गिरिडीह जिला में एक भी ट्रॉमा सेंटर नहीं है. इस पर मंत्री का जवाब था कि केंद्र सरकार को छह ट्रॉमा सेंटर खोलने के लिए आग्रह किया गया है.

इस पर विधायक ने कहा कि अधिकारी जैसा कह देते हैं, वैसा ही यहां जवाब दिया जाता है. सत्ता परिवर्तन हुआ है, तो व्यवस्था परिवर्तन भी होनी चाहिए़ मामले का समाधान होना चाहिए. हम सवाल का जवाब केंद्र सरकार से नहीं मांगेंगे़ रांची-दिल्ली में गेंद फेंकी जा रही है. मंत्री ने कहा कि पहले सवाल-जवाब में फलाफल नहीं आता होगा. अब युवा मुख्यमंत्री है़. मुख्यमंत्री छोटे-छोटे मामले में भी गंभीर रहते है़ं दूसरे के पाले में गेंद नहीं फेंकी जा रही है. आशा-विश्वास रखिए, काम होगा़ नियम संगत कार्रवाई होगी.

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