महापर्व छठ पर भाजपा का हठ, झामुमो और कांग्रेस का भी एतराज, सड़क पर उतरे लोग

तालाब, नदी, पोखर में भीड़ के बीच छठ पूजा की अनुमति नहीं दी जाने के सरकारी फरमान का भाजपा ने किया विरोध

By Prabhat Khabar | November 17, 2020 7:13 AM

रांची : तालाब, नदी, पोखर में भीड़ के बीच छठ पूजा की अनुमति नहीं दी जाने के सरकारी फरमान का भाजपा ने विरोध किया है़ भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने तालाब में उतर कर सरकार के विरोध में आवाज बुलंद की. भाजपा सांसद संजय सेठ, विधायक सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, समरी लाल, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय सहित नेताओं- कार्यकर्ताओं ने राजधानी के बटन तालाब में उतर का विरोध किया़

इधर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, सांसद संजय सेठ, सांसद अन्नपूर्णा देवी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर फैसला वापस लेने का आग्रह किया है. इधर, झामुमो और कांग्रेस ने भी सरकार के गाइडलाइन पर एतराज जताया है .इसमें संशोधन की मांग की है.

तालाब में उतरे भाजपा नेता, विरोध में किया हठ योग

छठ महापर्व को लेकर सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन का भाजपा सांसद व विधायकों ने तालाब में हठ योग कर विरोध किया़ भाजपा नेताओं ने इस निर्देश को तत्काल वापस लेने का आग्रह किया़. सांसद संजय सेठ, विधायक सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, समरी लाल और डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गी सहित नेताओं और कार्यकर्ता तालाब में उतरे़ सासंद सेठ ने कहा कि सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है़

छठ में भगवान सूर्य को अर्घ्य तालाब और नदियों में ही दिया जाता है, उसको सरकार कैसे रोक सकती है़ कोविड के आड़ में सरकार कांग्रेस की सह पर तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है़. विधायक सीपी सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यकों को खुश करने के चलते बहुसंख्यक के पर्व त्योहार में भेदभाव कर रही है़ कांग्रेस और राजद के इशारे पर इस तरह के फरमान जारी किया जा रहा है़

विधायक नवीन जायसवाल ने कहा झारखंड में दोहरी नीति नहीं चलेगी़ सरकार तुगलकी फरमान नहीं चलेगी़ सरकार ने कहा पानी से करोना होने का खतरा है आज हम लोग पानी में खड़े होकर विरोध भी कर रहे हैं और जांच भी कर रहे हैं कि पानी में खड़े होने से क्या कोरोना होता है़

बिहार की तरह तालाबों में पूजा की अनुमति दे सरकार : रघुवर

पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर कहा है कि लोक आस्था के महापर्व छठ व्रत पर बिहार की तरह झारखंड के तालाबों में सूर्य को अर्घ्य की अनुमति देने का आग्रह किया है़.

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शन में इस बार छठ महापर्व के दौरान किसी भी नदी, लेक, डैम या तालाब के छठ घाट पर किसी तरह के कार्यक्रम के आयोजन की मनाही की गयी है़ लोगों से अपने घरों में ही यह महापर्व मनाने का आग्रह किया गया है़ सरकार को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के साथ पूजा की अनुमति देनी चाहिए़ बिहार सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुरूप व्यवस्था होनी चाहिए़

तुष्टिकरण की नीति वापस ले सरकार : अन्नपूर्णा

भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद अन्नपूर्णा देवी ने छठ महापर्व पर राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है़ श्रीमती अन्नपूर्णा ने कहा कि छठ महापर्व लोकआस्था का पर्व है़ इस पर बंदिश को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा़ राज्य की हेमंत सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है़.

कई ऐसे लोग हैं जिनके पास घर पर छठ करने के साधन/जलाशय नहीं होते, ऐसे में कई परिवार छठ पर्व मनाने से वंचित रह जायेंगे़ सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए़. उन्होनें कहा कि सरकार छठ पर्व के लिए कुछ निर्देश के साथ एक गाइडलाइन जारी कर सकती थी़ लेकिन ऐसा नहीं कर सरकार ने सीधा तुगलकी फरमान जारी कर दिया़

सरकार तुगलकी फरमान पर करे पुनर्विचार : प्रकाश

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर छठ पर्व के गाइडलाइन में संशोधन करने का आग्रह किया है़ श्री प्रकाश ने कहा है कि छठ महापर्व लोकआस्था का महान पर्व है़ सरकार ने दिशा-निर्देश ने सनातन परंपरा व आस्था में विश्वास रखने वाले जन-मन को आहत किया है़.

हर सनातनी आज बेचैन और परेशान है़ उन्होंने कहा कि कोविड19 को भी रोका जाये और आस्था के साथ भी खिलवाड़ नहीं हो़ इस तरह के तुगलकी फरमान वापस लेना चाहिए़ यह महान पर्व प्रकृति और जलाशयों से जुड़ा पर्व है़ जहां एक सामान्य गरीब व्रतधारी भी इसे सम्पन्न कर सकता है़ इसलिए इस पर सरकार को विचार करना चाहिए़

गाइडलाइन में छूट संभव

रांची. राज्य सरकार छठ पर लगायी गयी पाबंदियों में छूट दे सकती है. सीमित संख्या में व्रतियों को तालाब पर जाकर उपासना की अनुमति प्रदान करने पर विचार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी छठ को लेकर पूर्व में निकाले गये आदेश की समीक्षा कर रही है.

कमेटी कोविड-19 संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पाबंदियों को फिर से निर्धारित करेगी. छठ महापर्व के दौरान कोविड-19 संक्रमण की आशंका के कारण 10 नवंबर को आपदा प्रबंधन विभाग ने गाइड लाइन जारी किया था. गाइडलाइन में छठ घाटों पर भीड़ होने और एक साथ तालाब में स्नान करने से संक्रमण की आशंका बढ़ने की बात की गयी थी.

इस वजह से व्रतियों को तालाब या नदी पर जाकर पूजा करने की अनुमति नहीं दी गयी थी. शुक्रवार को विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया. झामुमो ने भी मुख्यमंत्री से छठ के लिए जारी दिशा-निर्देशों पर पुनर्विचार का आग्रह किया.

झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री से सीमित संख्या में छठव्रतियों को घाट पर जाकर भगवान सूर्य की उपासना की अनुमति देने का अनुरोध किया. कहा कि वर्तमान समय में कोविड नियंत्रण एवं छठ महापर्व से जुड़ी लोक आस्था की वजह से सरकार द्वारा दिशा-निर्देशों पर पुनर्विचार की आवश्यकता है.

सीएम के निर्देश पर स्क्रीनिंग कमेटी कर रही है दिशा-निर्देशों की समीक्षा

रांची. छठ पर्व को लेकर सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन पर झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार ने एतराज जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि आपदा प्रबंधन विभाग ही राज्य की सबसे बड़ी आपदा है.

विधायक ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर आपदा प्रबंधन की ओर से जारी किये गये गाइडलाइन को शिथिल करते हुए राज्यवासियों को सहूलियत देने का आग्रह किया. उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर कहा कि छठ पर्व में सोशल डिस्टैंसिंग, मास्क और कोविड संक्रमण के बचाव के लिए अपनाये जाने वाले विभिन्न तरीकों का पालन कराते हुए छठ व्रतियों को छठ घाट पर सूर्य देव की उपासना की अनुमति देनी चाहिए.

posted by : sameer oraon

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