पारसनाथ पहाड़ में मांस और शराब बिक्री पर आपत्ति, धार्मिक स्थल की गरिमा बचाने पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
Parasnath Pahad: पारसनाथ पहाड़ को जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं के अनुरूप रखने को लेकर दायर जनहित याचिका पर कल गुरुवार को सुनवाई हुई. गिरिडीह के जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) की ओर से पारसनाथ पहाड़ी के स्थल निरीक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी. मले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.
Parasnath Pahad | रांची, राणा प्रताप: झारखंड हाइकोर्ट में गिरिडीह स्थित जैनधर्म के प्रमुख धार्मिक स्थल पारसनाथ पहाड़ को जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं के अनुरूप रखने को लेकर दायर जनहित याचिका पर कल गुरुवार को सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने पक्ष सुना. खंडपीठ ने गिरिडीह के जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) की रिपोर्ट की एक-एक प्रति प्रार्थी व प्रतिवादी को देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 16 सितंबर की तिथि निर्धारित की.
प्रस्तुत की गयी निरीक्षण की रिपोर्ट
इससे पूर्व गिरिडीह के जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) की ओर से पारसनाथ पहाड़ी के स्थल निरीक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी. मालूम हो कोर्ट के निर्देश के आलोक में डालसा के सचिव ने स्थल निरीक्षण किया था. वहीं प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, अधिवक्ता खुशबू कटारुका व अधिवक्ता शुभम कटारूका ने पक्ष रखा.
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धार्मिक स्थल पर हो रही शराब व मांस की बिक्री
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी जैन संस्था ज्योत की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है. इसमें कहा गया है कि पारसनाथ पहाड़ जैन धर्मावलंबियों का पवित्र धार्मिक स्थल है. वहां विगत कई वर्षों से शराब व मांस की बिक्री होती है. अतिक्रमण भी किया जा रहा है. लोग यहां पिकनिक मनाने भी आते हैं. राज्य सरकार इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है. केंद्र सरकार के वन, पर्यावरण व क्लाइमेट चेंज मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की थी. मंत्रालय ने माना है कि पारसनाथ पहाड़ी पर जो भी कार्य किया जाये, वह जैन धर्मावलंबियों की भावना को ध्यान में रख कर किया जाये.
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