आंध्रप्रदेश में बंधक बनाकर रखे गये बोकारो के 13 श्रमिकों को छुड़ाया गया, सभी अपने घर लौटे

Migrant Laborers Freed: झारखंड के बोकारो जिले के 13 श्रमिकों को दक्षिण भारत के विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश) में बंधक बनाने की सूचना पर स्टेट माइग्रेंट कंट्रोल रूम रांची ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी श्रमिकों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था कर दी है. विशाखापत्तनम श्रम विभाग की मदद से रांची में तैनात शिखा लकड़ा ने सभी श्रमिकों की वापसी सुनिश्चित की.

By Mithilesh Jha | September 24, 2025 10:29 PM

Migrant Laborers Freed: झारखंड सरकार ने विशाखापत्तनम में कथित तौर पर बंधक बनाकर रखे गये बोकारो जिले के 13 श्रमिकों को आंध्रप्रदेश प्रशासन की मदद से मुक्त कराने में कामयाबी हासिल की है. प्रवासी नियंत्रण प्रकोष्ठ (झारखंड श्रम विभाग) के एक दल की अगुवा शिखा लकड़ा ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सभी प्रवासी श्रमिक विशाखापत्तनम से ट्रेन से अपने घर पहुंच चुके हैं.

18 सितंबर को 13 श्रमिकों को बंधक बनाये जाने की सूचना मिली

शिखा लकड़ा ने बताया, ‘हमें 18 सितंबर 2025 को सूचना मिली कि बोकारो जिले की सोनपुरा पंचायत के 13 प्रवासी मजदूर विशाखापत्तनम स्थित एक निजी रसायन फैक्टरी में अजीत टुडू के नेतृत्व में धर्मेंद्र कुमार के ठेके के अंतर्गत काम पर लगाये गये थे. उन्हें बंधक बना लिया गया है. मजदूरों ने दावा किया कि वे ‘पुट्टी’ से जुड़ा काम करते थे और काम के दौरान उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगीं. ऐसे में उन्होंने घर जाने की अनुमति मांगी, लेकिन कंपनी प्रबंधन ने उन्हें बंधक बना लिया और जाने देने से मना कर दिया.’

विशाखापत्तनम में श्रम विभाग के अफसरों की मदद से रिहा हुए बोकारो के श्रमिक

शिखा लकड़ा ने दावा किया, ‘हमने विशाखापत्तनम में श्रम विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया और जांच के दौरान पाया कि श्रमिकों ने 6 सितंबर को काम शुरू किया था. दबाव पड़ने पर कंपनी प्रबंधक ने हमें इस मुद्दे को हल करने का आश्वासन दिया. हमने अनकापल्ली के पुलिस अधीक्षक से भी मदद ली और बाद में श्रम अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों ने कंपनी का दौरा किया. श्रमिकों को सोमवार को उनके बकाया 1,03,037 रुपए का भुगतान किया गया.’

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Migrant Laborers Freed: ठेकेदार ने सभी श्रमिकों को स्टेशन तक पहुंचाया

शिखा लकड़ा ने बताया कि ठेकेदार ने सभी श्रमिकों को कंपनी के खर्च पर विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन पर छोड़ने पर भी सहमति जतायी, ताकि वे अलप्पुझा-धनबाद एक्सप्रेस में सवार होकर बोकारो पहुंच सकें. इसके अतिरिक्त, ठेकेदार ने प्रत्येक श्रमिक को 500 रुपए रेल का किराया भी दिया. इसके बाद सभी श्रमिकों को उनके घर भेज दिया गया. सभी श्रमिक अपने घर पहुंच चुके हैं.

  • श्रमिक 7 सितंबर 2025 को कार्यस्थल पर पहुंचे थे और उनके लिए भोजन एवं आवास की व्यवस्था की गयी थी.
  • प्रमुख नियोक्ता और ठेकेदार ने 22 सितंबर 2025 को श्रमिकों को कुल 1,03,037 रुपए का भुगतान किया.
  • भुगतान UPI के माध्यम से 3 श्रमिकों के बैंक खातों में किया गया
  • अभय हेम्ब्रम : 50,000 रुपए (लेनदेन आईडी : RRN526512033817)
  • सुधाकर हांसदा : 50,000 रुपए (लेनदेन आईडी : RRN526512071413)
  • जगदेव किस्कू : 3,037 रुपए (UTR संख्या : 251750864424)
  • सभी श्रमिक इस बात पर सहमत हुए कि उपरोक्त तीनों खाताधारकों के माध्यम से शेष श्रमिक अपने-अपने हिस्से का भुगतान प्राप्त करेंगे.

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