jharkhand news : राज्य में फर्जी विद्यार्थी उठा रहे हैं अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति

झारखंड में अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए चलायी जा रही प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में फर्जीवाड़ा का मामला

By Prabhat Khabar | November 2, 2020 3:06 AM

रांची : झारखंड में अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए चलायी जा रही प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक राज्य में छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा करनेवाला गिरोह सक्रिय है. जो पहले अल्पसंख्यक समुदाय के जरूरतमंद लोगों की तलाश करता है.

उसे सऊदी अरब से मदद दिलाने के नाम पर उसके आधार कार्ड एवं बैंक खाते की जानकारी लेता है. फिर फर्जी तरीके से स्कूल की मिलीभगत से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन जमा करता है. बैंक में छात्रवृत्ति की राशि आने पर कुछ राशि उसे देकर बाकी रख लेता है. इसका खुलासा भारत सरकार को मिली शिकायत की हुई प्रारंभिक जांच में हुआ है.

किसे मिलती है छात्रवृत्ति :

अल्पसंख्यक मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विद्यार्थियों को प्री मैट्रिक व पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जाती है. इसके तहत मैट्रिक से नीचे के विद्यार्थियों को सालाना 10500 रुपये छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है. जांच में सामने आया है कि अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को मिलनेवाली छात्रवृत्ति में गड़बड़ी की जा रही है.

इसमें वैसे विद्यार्थियों के नाम पर छात्रवृत्ति ली जा रही है जो कभी स्कूल गये ही नहीं. झारखंड सरकार के स्तर से भी अब इस मामले की जांच शुरू की गयी है. मालूम हाे कि छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का प्रावधान है. विद्यार्थियों के आवेदन को स्कूल द्वारा सत्यापित किया जाता है. इस मामले में पूर्व में हजारीबाग व चतरा में प्राथमिकी दर्ज हुई थी.

दो से तीन कमरों में चलनेवाले भी हैं विद्यालय :

जानकारों की मानें तो जिन विद्यालयों के माध्यम से फर्जी तरीके से विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दिलायी जाती है, उन स्कूलों का कभी सत्यापन भी नहीं होता. छात्रवृत्ति पाने वाले अधिकतर छात्र खुद को निजी छात्रावास में रहनेवाले बताते हैं. कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जो दो से तीन कमरे में चलते हैं परंतु यहां 300 विद्यार्थियों को अध्ययनरत बताकर छात्रवृत्ति दिलायी गयी है.

झारखंड छात्र संघ ने भी की थी शिकायत :

गड़बड़ी की शिकायत झारखंड छात्र संघ ने भी की थी. संघ के अध्यक्ष एस अली ने बताया कि इस संबंध में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय समेत राज्य के मुख्यमंत्री, कल्याण मंत्री समेत अन्य पदाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था.

posted by : sameer oraon

Next Article

Exit mobile version