Jharkhand Coronavirus Update : द्वारिका अस्पताल रांची ने 19 घंटे में ही बना दिये “1.6 लाख का बिल, पढ़ें कोरोना संक्रमित मरीज के परिजनों की व्याथा

पुणे में निजी बैंक के अधिकारी प्रकाश कुमार सिंह ने बताया कि पांच-छह अस्पतालों का चक्कर काटने के बाद उन्होंने कोरोना संक्रमित अपने ससुर अरविंद कुमार सिंह को नामकुम के द्वारिका हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया. 16 अप्रैल की रात से 18 अप्रैल की रात तक महज 19 घंटे में ही 1.60 लाख रुपये का बिल तैयार कर दिया गया. उनका आरोप है कि मरीज को भर्ती करने से पहले अस्पताल ने उन्हें करीब एक लाख रुपया कैश जमा करने को विवश किया. अव्यवस्था से जूझने के बाद उन्होंने ससुर को बरियातू स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.

By Prabhat Khabar | April 19, 2021 11:53 AM

Jharkhand Corona Update, Ranchi News : बिपीन सिंह, रांची : मेरी सास पुष्पा मिश्रा कोरोना संक्रमण से पीड़ित हैं. 14 अप्रैल से ही मैं बेड के लिए दर-दर भटक रहा हूं. रिम्स से लेकर सदर अस्पताल, ऑर्किड, मेडिका व नामकुम के द्वारिका जैसे अस्पतालों में भर्ती कराने का प्रयास किया, लेकिन किसी ने परवाह नहीं की. सभी ने बेड नहीं होने की बात कही. कुछ अस्पताल ने कहा कि यदि दो से पांच लाख रुपये एडवांस में जमा करा सकते हैं, तो कुछ हो सकता है. इस हाल से एक नहीं, कई परिवार गुजर रहा है.

पुणे में निजी बैंक के अधिकारी प्रकाश कुमार सिंह ने बताया कि पांच-छह अस्पतालों का चक्कर काटने के बाद उन्होंने कोरोना संक्रमित अपने ससुर अरविंद कुमार सिंह को नामकुम के द्वारिका हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया. 16 अप्रैल की रात से 18 अप्रैल की रात तक महज 19 घंटे में ही 1.60 लाख रुपये का बिल तैयार कर दिया गया. उनका आरोप है कि मरीज को भर्ती करने से पहले अस्पताल ने उन्हें करीब एक लाख रुपया कैश जमा करने को विवश किया. अव्यवस्था से जूझने के बाद उन्होंने ससुर को बरियातू स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.

काफी प्रयास के बाद रिम्स में मिली जगह :

रांची के हरमू निवासी अजय श्रीवास्तव अपनी पत्नी वंदना श्रीवास्तव को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने प्रभात खबर से कोरोना संक्रमित और गंभीर रूप से बीमार पत्नी को भर्ती कराने में आयी मुश्किलों को साझा किया. उन्होंने कहा: वह एक सप्ताह से किसी अच्छे अस्पताल में पत्नी को भर्ती कराने के प्रयास में जुटे थे. बहुत मुश्किल से सिफारिश के बाद 13 अप्रैल की शाम पांच बजे रिम्स के ट्रामा सेंटर में जगह मिली. अस्पताल में भर्ती कराने के बाद वहां के हालात को देख पछतावा हो रहा था. उन्हें रेमडेसिविर के लिए इंतजार करना पड़ा. चार डोज के बाद रविवार को उन्हें पांचवें डोज के लिए इंतजार करना पड़ा.

Posted By : Sameer Oraon

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