छात्रवृत्ति, धान खरीद के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा में भाजपा ने किया हंगामा

Jharkhand Assembly Session: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीद का मुद्दा उठाते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि किसान खुले बाजार में 1,500 रुपए और 1,600 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली कीमत पर अपनी उपज बेच रहे हैं, क्योंकि सरकारी खरीद अभी तक शुरू नहीं हुई है. इसके बाद भाजपा विधायक आसन के करीब आ गये और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे.

By Mithilesh Jha | December 8, 2025 7:57 PM

Jharkhand Assembly Session: छात्रवृत्ति और धान खरीद के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने सोमवार को जमकर हंगामा किया. कहा कि छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है. धान खरीद शुरू नहीं होने की वजह से राज्य के किसान अपनी फसल औने-पौने दाम पर बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर हैं. जवाब में सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत राज्य सरकार ने भी पलटवार किया. कहा कि केंद्र पिछड़े वर्गों के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए पर्याप्त धनराशि जारी नहीं कर रहा है.

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा ने किया हंगामा

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने छात्रवृत्ति और धान खरीद का मुद्दा उठाया. विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने भाजपा विधायकों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया, लेकिन वे नहीं माने. विपक्षी दल के सदस्य आसन के सामने आ गये और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे.

प्रदीप यादव ने विपक्ष पर किया पलटवार

इस पर सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दल कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने आरोप लगाया कि छात्रवृत्ति के लिए धनराशि केंद्र के पास लंबित है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा कम कर दिया गया और छात्रवृत्ति राशि भी घटा दी गयी.

8 मिनट चलने के बाद ही सदन की कार्यवाही स्थगित

दूसरी तरफ, संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देगी, लेकिन भाजपा के सदस्यों का हंगामा जारी रहा. विधानसभा के स्पीकर ने विधायकों से लगातार अपनी सीटों पर जाने की अपील की, लेकिन सदस्यों ने इसे अनसुना कर दिया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही महज 8 मिनट चलने के बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

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धान खरीद और छात्रवृत्ति के मुद्दे पर चर्चा की मांग

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो भाजपा विधायकों ने एक बार फिर मांग की कि स्पीकर छात्रवृत्ति और धान खरीद के मुद्दे पर चर्चा की अनुमति दें. झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ये मुद्दे छात्रों, युवाओं और किसानों से जुड़े हुए हैं.

होटलों में थालियां धोने को मजबूर हैं छात्र – मरांडी

मरांडी ने कहा कि यह शून्यकाल की कार्यवाही से भी ज्यादा अहम है, क्योंकि सदस्यों को शून्यकाल में पूछे गये सवालों के जवाब नहीं मिलते. अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्र छात्रवृत्ति नहीं मिलने के कारण अपनी फीस भरने के लिए होटलों में थालियां धोने को मजबूर हैं.

Jharkhand Assembly Session: आसन के करीब पहुंचे भाजपा विधायक, राज्य सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीद का मुद्दा उठाते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि किसान खुले बाजार में 1,500 रुपए और 1,600 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली कीमत पर अपनी उपज बेच रहे हैं, क्योंकि सरकारी खरीद अभी तक शुरू नहीं हुई है. इसके बाद भाजपा विधायक आसन के करीब आ गये और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे.

विपक्षी दलों के विरोध के बीच चली शून्यकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की कार्यवाही

विधानसभा अध्यक्ष के बार-बार अनुरोध के बावजूद भाजपा विधायक अपनी सीटों पर वापस नहीं गये. स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच शून्यकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की कार्यवाही संचालित की. भाजपा की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने आरोप लगाया कि उन्हें छात्रवृत्ति मद में केंद्र से धनराशि नहीं मिल रही है.

सुदिव्य सोनू बोले – डिमांड से बहुत कम पैसे दे रहा है केंद्र

सुदिव्य कुमार ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि पिछड़ा वर्ग पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए वर्ष 2023-24 में केंद्र से झारखंड सरकार 271.37 करोड़ रुपए की मांग कर रही थी, लेकिन मिले सिर्फ 77.31 करोड़ रुपए. वर्ष 2024-25 में इसी मद में राज्य की मांग 253.21 करोड़ रुपए थी, मिले सिर्फ 33.57 करोड़ रुपए. वर्ष 2025-26 में राज्य की मांग 370.87 करोड़ रुपए थी, अब तक एक रुपया भी नहीं मिला है.

मगरमच्छ के आंसू न बहायें भाजपा नेता – सुदिव्य कुमार

सुदिव्य कुमार ने कहा कि जहां तक ​​पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति का सवाल है, तो सरकार ने वर्ष 2023-24 में 67.88 करोड़ रुपए की मांग की थी, लेकिन केंद्र ने केवल 3.75 करोड़ रुपए आवंटित किये. कहा कि वर्ष 2024-25 में सरकार ने इस मद में 66.14 करोड़ रुपए की मांग की थी, लेकिन मिले केवल 12.61 करोड़ रुपए. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को मगरमच्छ के आंसू नहीं बहाने चाहिए. केंद्र से पूछना चाहिए कि ओबीसी छात्रों का हक क्यों छीना गया?

वित्त मंत्री ने पेश किया 7,721.25 करोड़ का अनुपूरक बजट

कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सदन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए धनराशि का अनुपात 60:40 है. 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र देता है और 40 फीसदी राज्य सरकार देती है. हालांकि, सरकार की ओर से धान खरीद के मुद्दे पर किसी ने कुछ नहीं कहा. सदन में भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 7,721.25 करोड़ रुपए का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया. बजट प्रस्तावों पर मंगलवार को चर्चा होगी.

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