नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का अवधि विस्तार नहीं करने पर खुशी, रांची में निकला विजय जुलूस

नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का अवधि विस्तार नहीं करने पर विभिन्न संगठनों ने रांची में विजय जुलूस निकाला. वहीं, सीएम हेमंत सोरेन के निर्णय पर आभार जताया. यह विजय जुलूस डंगराटोली चौक से पुरुलिया रोड, मेन रोड और शहीद चौक होते हुए अलबर्ट एक्का चौक तक जाकर सभा में तब्दील हो गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2022 7:41 PM

Jharkhand News: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अवधि विस्तार को दोबारा अधिसूचित नहीं करने पर विभिन्न संगठनों ने रांची के डंगराटोली चौक से पुरुलिया रोड, मेन रोड और शहीद चौक होते हुए अलबर्ट एक्का चौक तक विजय जुलूस निकाला. इसे जन संघर्षों की जीत बताया और इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार जताया.

फायरिंग रेंज की अधिसूचना रद्द होने तक संघर्ष रहेगा जारी : जेरोम जेराल्ड

अलबर्ट एक्का चौक पर हुई सभा में नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी केंद्रीय जन संघर्ष समिति, लातेहार- गुमला के सचिव जेरोम जेराल्ड कुजूर ने कहा कि जब तक नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज रद्द होने की अधिसूचना जारी नहीं होती, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा. मुख्यंमंत्री ने अवधि विस्तार को रोका है, पर इसे स्थायी तौर पर रद्द कराने की लड़ाई जारी रहेगी. हमारी ग्राम सभाओं ने निर्णय लिया है कि फील्ड फायरिंग रेंज के लिए एक ईंच जमीन भी नहीं देंगे. यह पांचवी अनुसूची का इलाका है और इसमें पेसा एक्ट जैसे कानून भी लागू है.

राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री तक ग्रामसभाओं के निर्णय की कॉपी दिया

उन्होंने कहा कि 21 से 25 अप्रैल तक ग्रामसभाओं के निर्णय की कॉपी लेकर ग्रामीण लगभग 200 किमी पैदल चलकर रांची आये थे और राज्यपाल को ज्ञापन दिया था. उसकी प्रति मुख्यमंत्री से लेकर अंचलाधिकारियों तक को दी गयी. गांव के निर्णय के मजबूत हथियार को सामने रखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिसूचना को अवधि विस्तार नहीं करने का फैसला लिया है. हमारे वरिष्ठ साथियों ने अहिंसात्मक लड़ाई लड़ने की शिक्षा दी है. हम उन इलाके से आते हैं, जहां जतरा टाना भगत ने अपने आंदोलन की शुरुआत की थी.

Also Read: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना पर रोक, CM हेमंत सोरेन के निर्णय पर जनजातीय समुदाय में खुशी

मुख्यमंत्री का कदम सराहनीय : वासवी किड़ो

वहीं, शशि पन्ना ने कहा कि लगभग 245 गांव 1471 वर्ग किमी, लातेहार जिला व गुमला जिला के लोग विस्थापित होने वाले थे. हेमंत सोरेन ने साबित किया कि वे माटी के बेटे हैं. झामुमो ने हमारा जल, जंगल, जमीन बचा कर साबित कर दिया कि यह माटी की पार्टी है. वासवी किड़ो ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सराहनीय कदम उठाया है. उन्हें प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्रालय को भी लिखना चाहिए कि इस परियोजना को रद्द करने की अधिसूचना जारी हो. केंद्रीय सरना समित के सचिव संतोष तिर्की ने कहा कि यह जीत आदिवासियों की एकता ने दिलायी है. भुवनेश्वर केवट ने कहा कि आज पूरी दुनिया में पर्यावरण की समस्या बढ़ रही है, ऐसे में नेतरहाट को बचाने की लड़ाई पूरी दुनिया को बचाने की लड़ाई है.

मुख्यमंत्री ने अलबर्ट एक्का के पूरे गांव को बचा लिया

पूर्व टीएसी सदस्य रतन तिर्की ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अलबर्ट एक्का के पूरे गांव को बचा लिया. पूरे बरवे क्षेत्र काे बचाया है, हिम्मत के साथ बचाया है. हम बताने आये हैं कि इस राज्य में आदिवासियों का, खतियान धारियों का राज है. अब यहां हमारा ही राज चलेगा. प्रभाकर तिर्की ने कहा कि इस राज्य की लड़ाई जमीन, विस्थापन और पलायन के बुनियादी सवालों पर थी. राज्य गठन के बाद लोगों की आकांक्षा है कि इन समस्याओं का समाधान निकाला जाए.

आदिवासी जनजाति को बचाना परम धर्म है : दयामनी बारला

दयामनी बारला ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अनुरोध है अनुसूचित जनजातियां समाप्त होती जा रही है. आदिवासी संकट में हैं, उन्हें बचाना परम धर्म है. केंद्र सरकार नेतरहाट फील्ड रेंज को हमेशा के लिए रद्द करना होगा. अन्यथा सिदो कान्हू के समय से आज तक जिस तरह आंदोलन चला उस तरह का आंदोलन जारी रहेगा. अनिल पन्ना, प्रफुल्ल लिंडा, नदीम खान, दीपा मिंज, सुषमा बिरुली समेत अन्य ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम का संयोजन महेंद्र पीटर तिग्गा ने किया.

Also Read: झारखंड में Horticulture को मिलेगा बढ़ावा, कृषि मंत्री बोले- ग्रामीण हाट बाजार को ऑर्गनाइज करने की जरूरत

Posted By: Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version