World Cancer Day 2021: झारखंड में हर साल करीब 35 हजार नये कैंसर रोगी, सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर के मरीज, ऐसे रहें कैंसर से दूर

झारखंड में हर साल करीब 35 हजार नये कैंसर रोगी

By Prabhat Khabar News Desk | February 4, 2021 7:24 AM

world cancer day 2021, cancer data jharkhand, cancer statistics in jharkhand : रांची : देश में हर साल 11 लाख कैंसर के मरीज मिलते हैं, जिसमें सात लाख रोगियों की मौत हो जाती है. वहीं झारखंड में हर साल करीब 35 हजार नये कैंसर रोगियों की पहचान होती है. कैंसर के नये मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. डॉक्टरों के अनुसार पहले की तुलना में दोगुना नये मरीज मिल रहे हैं. कैंसर से लड़ना मुश्किल है, लेकिन सही समय पर इसका पता चल जाये और इलाज हो जाये, तो इस बीमारी पर जीत भी संभव है. साथ ही यह भी जरूरी है कि आप अपनी जिंदगी को शराब और तंबाकू से मुक्त कर दें. मोटापा पर कंट्रोल रखें. इसके अलावा एक्सरसाइज करें और फल-सब्जियां खायें.

झारखंड में कैंसर का यहां होता है इलाज

झारखंड में कैंसर के इलाज के लिए रिम्स में अलग से अंकोलॉजी विंग है. वहीं निजी अस्पतालाें में भी कैंसर का इलाज किया जाता है. निजी अस्पतालों में टीएमएच जमशेदपुर, इरबा स्थित क्यूरी कैंसर अस्पताल, कटहल मोड़ स्थित पांडेय सुरक्षणा कैंसर अस्पताल शामिल है. रिनपास परिसर (कांके) में 150 बेड का टाटा कैंसर अस्पताल का निर्माण हो रहा है़

डब्ल्यूएचओ…ब्रेस्ट कैंसर बना सबसे सामान्य कैंसर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर सबसे सामान्य कैंसर बन गया है. पिछले 20 वर्षों से फेफड़ा कैंसर सामान्य कैंसर होता था, लेकिन अब यह ब्रेस्ट कैंसर के बाद दूसरा सामान्य कैंसर हो गया है. वर्ष 2020 में दुनियाभर में ब्रेस्ट कैंसर के 23 लाख मामले सामने आये हैं, जो कुल मामलों का 12 फीसदी से अधिक है. डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया है कि दुिनया में वर्ष 2020 तक कैंसर के करीब दो करोड़ नये मामले सामने आये हैं. वर्ष 2040 तक यह आंकड़ा तीन करोड़ तक पहुंच सकता है.

चेतावनी…रिम्स का आंकड़ा भी कर रहा हमें आगाह

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के कैंसर विंग के आंकड़े भी सतर्क कर रहे हैं. कैंसर विंग के विभाग मेडिकल अंकोलॉजी, सर्जिकल अंकोलॉजी व रेडियोथैरेपी अंकोलाॅजी में प्रतिदिन 70 से 80 कैंसर मरीज इलाज कराने आते हैं. इसमें 30 फीसदी नये मरीज होते हैं. 50 फीसदी गंभीर मरीजों के पास सर्जरी ही अंतिम विकल्प हाेता है. वहीं 25 फीसदी को दवा और 25 फीसदी को रेडियोथैरेपी से इलाज किया जाता है.

झारखंड में सबसे ज्यादा मुंह कैंसर

झारखंड में सबसे ज्यादा ओरल कैंसर, फेफड़ा के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर (बच्चेदानी का कैंसर) के मामले सामने आ रहे हैं. तंबाकू व उसके उत्पाद के सबसे ज्यादा सेवन करने से यहां मुंह का कैंसर सबसे ज्यादा होता है. इसके बाद फेफड़ा का कैंसर होता है, जो धूम्रपान के कारण होता है. महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट व बच्चेदानी का कैंसर होता है.

कैंसर के प्रकार

यह कैंसर मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी के ऊतकों में शुरू होता है

ल्युकेमिया

कैंसर जो रक्त बनानेवाले अस्थिमज्जा जैसे ऊतकों में शुरू होता है

सारकोमा

ऐसा कैंसर जो हड्डी, मांसपेशी व रक्त कोशिकाओं में होता है

कार्सिनोमा

ऐसा कैंसर जो त्वचा या ऊतकों में उत्पन्न होता है

कहते हैं एक्सपर्ट

झारखंड में कैंसर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वर्ष 2016 में जहां 35 हजार तक कैंसर मरीज थे. वर्तमान समय में 70 हजार तक इसकी संख्या पहुंच गयी है, जिसकी आधिकारिक पुष्टि होनी है. रिम्स के ओपीडी में प्रतिदिन कैंसर के 30 नये मरीज मिल रहे हैं. जीवनशैली में बदलाव व संतुलित खानपान से कैंसर से बचा जा सकता है.

-डाॅ रोहित, कैंसर विशेषज्ञ रिम्स

महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर सामान्य है. दोनों कैंसर की स्क्रीनिंग की जा सकती है़ समय रहते अगर पहचान हो जाये, तो कैंसर की जटिलता से पहले मरीज को बचाया जा सकता है. सर्वाइकल कैंसर का टीका भी है, जो महिलाओं को सुरक्षा देता है़

-डॉ पल्लवी, स्त्री रोग विशेषज्ञ

ऐसे लक्षण दिखे तो सतर्क हो जायें

शरीर के किसी भी भाग में गांठ या गिल्टी का होना

Âअत्यधिक थकान लगना

Âअचानक वजन में गिरावट आना

Âमहिलाओं के नियमित मासिक में अचानक बदलाव आना

Âस्तन में गांठ होना या स्तन के आकार में अचानक बदलाव

 शरीर के किसी भाग में अनियमित रक्तस्राव होना

ऐसे बचें

तंबाकू का सेवन नहीं करें

मोटापा से बचें

व्यायाम व परिश्रम करें

फल-सब्जी का इस्तेमाल अधिक करें

शराब का सेवन नहीं करें

जरूरी… जीवनशैली और खानपान

कैंसर से बचाव में जीवनशैली व खानपान का अहम हिस्सा है. नियमित व्यायाम कर कोशिकाओं को स्वस्थ कर सकते हैं. वहीं फल, सब्जी, दाल, साबुत अनाज, मलाई रहित दूध, दही आदि खाद्य पदार्थ कैंसर जैसी बीमारी के खतरा को कम करते हैं. प्रचूर मात्रा में मौसमी फल का उपयोग करें.

सुबह के नाश्ते में एक फल शामिल करें. साथ ही दोपहर या शाम छह बजे से पहले फल का सेवन कर सकते हैं. आप फ्रेश सलाद लंच और डिनर में ले सकते हैं. इन सबमें विटामिन ए, इ या सी होते हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करते है़ं कैंसर से लड़ते हैं और उसे बढ़ने से रोकते हैं. इसके अलावा ढाई से तीन लीटर तक पानी राेज पीना चाहिए. यह शरीर से टॉक्सिक यानी दूषित पदार्थ को हटाता है.

टीका लगाकर बेटी को दे सकते हैं सुरक्षा कवच

महिलाओं में होना वाला सबसे सामान्य कैंसर सर्वाइकल (बच्चेदानी का कैंसर) कैंसर है. बच्चेदानी के कैंसर की जांच पैप्समियर से किया जाता है. टीकाकरण से भी बच्चेदानी के कैंसर से बचाव किया जा सकता है. यह टीका 12 साल से पहले लड़कियों को लगाया जा सकता है. टीका दिलाकर बेटियाें को बच्चेदानी के कैंसर से सुरक्षा कवच प्रदान किया जा सकता है.

ब्रेस्ट कैंसर की खुद कर सकते हैं स्क्रीनिंग : ब्रेस्ट कैंसर भारत में तेजी से बढ़ता कैंसर है, जो सामान्य गांठ से शुरू होता है. ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग समय पर की जा सकती है. महिलाएं खुद ब्रेस्ट के आकार में हो रहे बदलाव व गांठ की जांच कर सकती हैं. हालांकि ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए पैप्समियर विधि से जांच की जा सकती है.

क्या है कैंसर

कैंसर कई रूप में होता है. कैंसर के 100 से अधिक प्रकार होते हैं, लेकिन अधिकतर कैंसर का नाम अंग व कोशिकाओं पर रखा गया है. कैंसर में कोशिकाएं असामान्य हो जाती हैं और बिना किसी नियंत्रण के विभाजित होती हैं. संक्रमित कोशिका स्वस्थ कोशिका को खराब करती जाती है़

कैंसर के कारण

तंबाकू या उससे बने उत्पाद : इससे मुंह व फेफड़ा का कैंसर हो सकता है

अल्कोहल का सेवन : लिवर सहित कई अंगों में कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है

मोटापा : कैंसर का खतरा

आनुवंशिक : कैंसर के खतरे को बढ़ाता है, इसमें स्तन कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा.

Posted By : Sameer Oraon