ranchi news : पहाड़ी मंदिर आनेवाले भक्त झेल रहे परेशानी, सड़क पर चलना मुश्किल, पार्किंग का भी इंतजाम नहीं

आम दिनों में तो 1500 से 2000 श्रद्धालु ही पहाड़ी मंदिर आते हैं, जबकि नववर्ष, 26 जनवरी, 15 अगस्त और अन्य विशेष अवसरों पर यहां श्रद्धालुओं की संख्या 35 से 50 हजार तक पहुंच जाती है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 13, 2025 12:44 AM

रांची. खानापूर्ति के लिए ही सही, लेकिन रांची नगर निगम अपने क्षेत्र में लगातार अतिक्रमण हटाओ अभियान चला रहा है. बस, रांची पहाड़ी के आसपास दुकानदारों द्वारा किया गया अतिक्रमण नगर निगम को नजर नहीं आ रहा है. गौर करनेवाली बात यह है कि आम दिनों में तो 1500 से 2000 श्रद्धालु ही पहाड़ी मंदिर आते हैं, जबकि नववर्ष, 26 जनवरी, 15 अगस्त और अन्य विशेष अवसरों पर यहां श्रद्धालुओं की संख्या 35 से 50 हजार तक पहुंच जाती है. इधर, सावन में सामान्य दिनों में करीब 15 हजार श्रद्धालु भोलेबाबा का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. वहीं, हर सोमवारी पर श्रद्धालुओं की संख्या 80 हजार से एक लाख तक चली जाती है. ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि सावन की पहली सोमवारी(14 जुलाई) पर पहाड़ी मंदिर पहुंचनेवाले हजारों श्रद्धालुओं को यहां दुकानदारों द्वारा किये गये अतिक्रमण की वजह से कितनी परेशानी होगी.

मुख्य द्वार के दोनों ओर 40 से ज्यादा दुकानें सजती हैं

बता दें कि पहाड़ी मंदिर के मुख्य द्वार के दोनों ओर 40 से ज्यादा दुकानें सजती हैं. इनमें से ज्यादातर दुकानदारों ने नगर निगम के नियमों का उल्लंघन करते हुए अपनी दुकानों के सामने 15 से 20 फीट हिस्से पर अतिक्रमण कर रखा है. दुकानदारों ने अपनी दुकान के आगे फर्श की ढलाई करा दी है और ऊपर सीमेंट का छज्जा निकाल रखा या टिन शेड डाल रखा है. बिक्री का सामान दुकान के बाहर रहता है, जबकि दुकान के अंदर का हिस्सा बैठने-सोने के लिए कमरे की तरह इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा सावन के महीने में यहां फूल और प्रसाद की करीब 50 से 70 दुकानें फुटपाथ पर भी लगती हैं. ये भी अतिक्रमण की बड़ी वजह बन रहे हैं. वहीं, मुख्य द्वार के की बायीं ओर गोदाम होने की वजह से हर सुबह यहां बड़े-बड़े ट्रक खड़े हो जाते हैं. इससे श्रद्धालुओं के अलावा सड़क से गुजरनेवाले लोगों भी दिक्कत होती है. कई बार जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. सावन के महीने में यहां कई किलोमीटर तक शिवभक्तों की कतार लगती है. अतिक्रमण की वजह से तंग हो चुकी पहाड़ी मंदिर की सड़क पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस-प्रशासन को परेशानी होना तय है. मजे की बात यह है कि सावन के मद्देनजर तैयारियों को लेकर दो दिन पहले ही रांची नगर निगम की टीम ने यहां का दौरा किया. टीम यहां श्रद्धालुओं के लिए पेयजल सुविधा और साफ-सफाई का जायजा लेकर लौट गयी, लेकिन दुकादारों द्वारा किये गये अतिक्रमण पर टीम की नजर नहीं पड़ी.

पार्किंग की व्यवस्था नहीं, सावन की सोमवारी पर होगी दिक्कत

पूजा के लिए पहाड़ी मंदिर आनेवाले शिवभक्तों के लिए अपनी गाड़ी पार्क करना सबसे बड़ी चुनौती होती है. क्योंकि, पहाड़ी मंदिर का अपना पार्किंग स्थल तो नहीं है. मुख्य द्वार की बायीं ओर पार्किंग स्थल बनाया गया था, लेकिन बताया गया कि उसका इस्तेमाल तिरुपति मंदिर समिति के लोग करते हैं. वे कहते हैं कि पहाड़ी मंदिर प्रबंधन ने यह जगह उन्हें दे दी है. इधर, दुकानदार अपनी दुकान के सामने गाड़ी खड़ी नहीं होने देते हैं. साफ मना कर देते हैं, कहते हैं- हमारी दुकान से पूजन सामग्री खरीदिए, तभी गाड़ी खड़ी करने देंगे.

टीओपी बना, पर उद्घाट भी नहीं हुआ

रांची पहाड़ी के आसपास और पहाड़ी मंदिर आनेवाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन कितनी गंभीर है, इसका उदाहरण यहां का टीओपी है. रांची पहाड़ी और आसपास के इलाके की चौकसी के लिए यहां टीओपी का निर्माण किया गया. लेकिन भवन का उद्घाटन नहीं होने की वजह से आज तक यह टीओपी बंद पड़ा है. काफी दिनों तक यहां आसपास के बच्चे क्रिकेट खेलते थे. फिलहाल, यह भवन हर रात जुआरियों और गंजेड़ियों का अड्डा बन जाता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है