Comrade Mohan Bhai: नहीं रहे कॉमरेड मोहन भाई, RIMS को देह दान कर पेश की मिसाल, CPM नेताओं ने जताया शोक

Comrade Mohan Bhai Passed Away: कॉमरेड मोहन भाई का आज निधन हो गया. वह 94 साल के थे. पिछले एक-डेढ़ साल से वे अस्वस्थ थे. सुबह साढ़े दस बजे उन्होंने आखिरी सांस ली. उनका पार्थिव शरीर रिम्स के एनाटॉमी विभाग को दान कर दिया गया. सीपीएम के नेताओं ने कहा कि उन्होंने अपना एक अभिभावक खो दिया है.

By Guru Swarup Mishra | May 11, 2025 5:37 PM

Comrade Mohan Bhai Passed Away: रांची-सीपीएम के वयोवृद्ध साथी कॉमरेड मोहन भाई विश्राम भाई कुंडलिया का आज निधन हो गया. वह 94 वर्ष के थे. आज सुबह 10:30 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली. करीब एक-डेढ़ दशक पहले ही उन्होंने मृत्योपरांत अपनी देह का दान कर दिया था. इसलिए उनके पार्थिव शरीर को रिम्स के एनाटॉमी विभाग को सुपुर्द कर दिया गया. मेडिकल छात्रों के बीच वे अध्ययन और शोध के लिए वर्षों मौजूद रहेंगे. सीपीएम के नेताओं ने कहा कि उन्होंने अपना एक अभिभावक खो दिया है. शोक की इस घड़ी में उनकी संवेदना उनके भतीजे कानु भाई और उनके परिवार के साथ है. सीपीएम के प्रकाश विप्लव और राजेन्द्र सिंह मुंडा ने उनके निधन पर शोक जताया है.

गुजरात से पश्चिम बंगाल फिर आ गए झारखंड


गुजरात के राजकोट में व्यापारी परिवार में जन्मे मोहन भाई का परिवार बाद में कोलकाता आ गया था. जहां उन्होंने किशोरावस्था से युवावस्था का सफर तय किया. नया व्यवसाय शुरू करने के लिए वे तत्कालीन बिहार की ग्रीष्मकालीन राजधानी रांची आ गए. वहां जब सफलता नहीं मिली तो कुछ ही वर्षों के बाद वे चास (बोकारो) आ गए और इस शहर में स्थाई रूप से बस गए.

पिता से विरासत में मिली थी मार्क्सवादी विचारधारा


मार्क्सवादी विचारधारा उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली. अस्सी के दशक में उन्होंने सीपीएम की सदस्यता ली और तब से अब तक वे पार्टी के प्रति पूरी तरह समर्पित रहे. सामाजिक कार्यों में निःस्वार्थ भाव से लगे रहने के कारण चास-बोकारो के ज्यादातर लोग इनके नाम से परिचित रहे हैं. पार्टी का एक साधारण सदस्य होने के बावजूद वे पार्टी के स्थानीय इकाई के आधारस्तंभ और अन्य सभी सदस्यों के प्रेरणास्रोत थे. पार्टी के प्रति उनका अथाह प्रेम और समर्पण भाव ही था कि वे पार्टी के साधारण कॉमरेड से लेकर पोलित ब्यूरो सदस्य तक लोकप्रिय थे.

उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति


पिछले एक-डेढ़ वर्ष से वे चलने-फिरने में वे असमर्थ हो चुके थे. जब भी लोग उनसे मिलने जाते, वे न केवल पार्टी की गतिविधियों के बारे में जानकारी लेते बल्कि सभी कॉमरेड्स के बारे में जानकारी लेते. उनके निधन से चास-बोकारो स्थानीय कमेटी को अपूरणीय क्षति हुई है.

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