Jharkhand News: ऐसा क्रिसमस मनायें, जो भौतिक नहीं आध्यात्मिक और पारिवारिक हो, आर्चबिशप ने जारी किया पत्र

इस बार भी हम ऐसे क्रिसमस का सुझाव देते हैं, जो भौतिक से अधिक आध्यात्मिक हो. यह मेलमिलाप और यूखरिस्त के संस्कारों को समय देने का वक्त हो. हम इसे एक पारिवारिक और सामुदायिक क्रिसमस बनाने का आग्रह करते हैं.

By Pritish Sahay | November 28, 2021 8:37 AM

रांची: महामारी का असर अभी भी महसूस हो रहा है. इस बार भी हम ऐसे क्रिसमस का सुझाव देते हैं, जो भौतिक से अधिक आध्यात्मिक हो. यह मेलमिलाप और यूखरिस्त के संस्कारों को समय देने का वक्त हो. हम इसे एक पारिवारिक और सामुदायिक क्रिसमस बनाने का आग्रह करते हैं. यह अनुरोध आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो और बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने रांची महाधर्मप्रांत के लिए आगमन काल के लिए जारी पास्तरीय पत्र (पास्टोरल लेटर) में किया है.

दृढ़ बने रहो, भयभीत न हो

पत्र में उन्होंने बाइबल से उद्धृत करते हुए कहा है कि विधि विवरण ग्रंथ (31:6) में कहा गया है: ‘दृढ़ बने रहो और ढाढ़स रखो. भयभीत न हो और उनसे मत डरो; क्योंकि तुम्हारा प्रभु ईश्वर तुम्हारे साथ चलता है. वह तुमको नहीं छोड़ेगा.’ जब दुनिया धीरे-धीरे और अनिश्चित रूप से महामारी से बाहर निकल रही है, ये शब्द हमारे दिलो- दिमाग में गूंज रहे हैं.

जब हम क्रिसमस की तैयारी के लिए आगमन काल में प्रवेश कर रहे हैं, तो हम उम्मीद करते हैं कि यह महामारी से मुक्त होगा. हमें खुशी है कि लोग चर्च में शारीरिक रूप से उपस्थित होने के लिए बड़ी संख्या में लौटे हैं. हालांकि, हम आपको याद दिलाते हैं कि आप अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें और सभी सावधानियां बरतें.

परोपकारी बने रहें

पत्र में कहा गया है कि महामारी के दौरान रांची आर्चडायसिस ने कई धर्मसमाजियों के साथ सड़क पर उतर कर गरीबों की सेवा की. दूसरी लहर के चरम के समय, हमारे नेतृत्व में रांची के कैथोलिक युवा अस्पतालों के बाहर हजारों मरीजों और उनके परिचारकों के लिए पका हुआ भोजन उपलब्ध कराते रहे. हाल ही में हमने जरूरतमंद रिक्शा चालकों को 21 साइकिल रिक्शा वितरित किया है. हम आपको परोपकारी बने रहने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनजर इस त्योहारी मौसम के दौरान पटाखों का उपयोग न करें.

पत्र में दिया संदेश

  • आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो व बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने जारी किया पास्तरीय पत्र

  • यह वक्त मेलमिलाप और यूखरिस्त के संस्कारों को समय देने का हो

  • हम आगमन काल में प्रवेश कर रहे हैं, उम्मीद करते हैं कि यह महामारी से मुक्त होगा

  • पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर पटाखों का उपयोग नहीं करें

  • आर्चबिशप हाउस में फूल, मिठाई या केक न लायें, इससे बचें और पैसों को दान में दें

महाधर्मप्रांत कोष में गरीबों के लिए दें दान: पत्र में कहा गया – हम आर्चबिशप हाउस में एक चरनी बनायेंगे, जो 23 दिसंबर से सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए होगा. लेकिन, हम आर्चबिशप हाउस में रोशनी या साज- सज्जा नहीं करेंगे. शुभचिंतकों से अनुरोध है कि आर्चबिशप हाउस में फूल, मिठाई या केक न लायें. इसके बदले वे इससे बचें, पैसों को गरीबों के लिए महाधर्मप्रांत कोष में दान दें.

Posted by: Pritish Sahay

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