Ranchi News : शतरंज यानी दिमागी संग्राम

शतरंज केवल एक खेल नहीं, बल्कि दिमाग की बारीकियों का संग्राम है. दो रंगों की 64 खानों वाली यह बिसात सदियों से लोगों को रणनीति, धैर्य और चतुराई का पाठ पढ़ा रही है.

By MUNNA KUMAR SINGH | July 20, 2025 12:50 AM
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शतरंज है बौद्धिक युद्ध का खेल

शतरंज से बच्चों को क्या मिलता है?

कैसे खेलें और क्या होता है चेस बोर्ड

भारत और शतरंज एक ऐतिहासिक रिश्ता

शतरंज क्लब और एकेडमी की भूमिका

रांची में कई सक्रिय शतरंज क्लब और एकेडमी कार्यरत हैं जैसे झारखंड चेस एसोसिएशन, बिशप चेस एकेडमी, डीप ब्लू चेस क्लब आदि. ये संस्थान नियमित रूप से कोचिंग कैंप, ओपन टूर्नामेंट और इंटर-स्कूल प्रतियोगिताएं आयोजित करते हैं.

भारतीय शतरंज के महारथी और उपलब्धियां

आर. प्रग्गनानंद : मात्र 12 साल 10 महीने में ग्रैंडमास्टर बने, वर्ष 2023 में एफआइडीइ कैंडिडेट्स फाइनल तक पहुंचे. पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को कई बार हराने वाले युवा सितारे.

डी. गुकेश : विश्वनाथन आनंद के बाद सबसे युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर (12 वर्ष की उम्र में). 2024 में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय बने. फिडे विश्व चैंपियनशिप 2024 के चैलेंजर. तेज गति से रैंकिंग में ऊंचाई की ओर बढ़ते खिलाड़ी.

वैशाली रमेश बाबू : एक भारतीय महिला ग्रैंडमास्टर जो अपनी बहन प्रग्गनानंद के साथ शतरंज की दुनिया में एक प्रमुख स्थान रखती हैं.

विदित गुजराती : एक अन्य प्रमुख भारतीय शतरंज खिलाड़ी जिन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में सफलता हासिल की.

भारत का ग्रैंडमास्टर ग्राफ

2000 तक : 5 ग्रैंडमास्टर2020 तक : 65 ग्रैंडमास्टर

शतरंज के प्रमुख एकेडमी :

शतरंज एकेडमी में झारखंड चेस एकेडमी जमशेदपुर और रांची शाखा समेत ने 500 से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया है. 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचे हैं. इसके अलावा रांची में 10 से अधिक चेस क्लब और चेस एकेडमी संचालित हैं, जहां पांच से 15 साल तक के बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है. कई कोच घर-घर जाकर भी बच्चों को चेस की ट्रेनिंग दे रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता होती हैं ऑनलाइन : शतरंज एक ऐसा खेल है, जो अब ऑनलाइन भी प्रोफेशनली खेले जा रहे हैं. कई अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं ऑनलाइन आयोजित की जा रही हैं. विश्व चैंपियन डी गुकेश और मैग्नस कार्लसन जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी भाग लेते हैं.

झारखंड के मास्टर खिलाड़ी :

कांके रोड के विराट जालान 13 वर्ष के हैं. पिछले तीन वर्षों में सात से अधिक राष्ट्रीय स्तर की चेस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं. संत जेवियर स्कूल डोरंडा में आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं. विराट ने बताया कि 10 साल की उम्र से चेस के प्रति रुचि बढ़ी. वर्तमान में साउथ शिवकाशी में हैटसन चेस एकेडमी में चयन हो गया है. यहां ट्रेनिंग लेने जाना है.

दीपक कुमार, नेशनल कोचझारखंड में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. अगर बेहतर संसाधन, वरिष्ठ खिलाड़ियों का मार्गदर्शन और संघ का मजबूत सहयोग मिले, तो भविष्य के ग्रैंडमास्टर निकल सकते हैं. स्कूलों में शतरंज को अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए और वरिष्ठ खिलाड़ियों को कोचिंग व मार्गदर्शन के जरिए युवाओं की मदद करनी चाहिए.

नवजोत अलंग, जेनरल सेक्रेटरी, आरडीसीए

मनीष कुमार, राज्य सचिव, झारखंड राज्य शतरंज संघ

शतरंज के कुछ रोचक तथ्य

विश्व की सबसे लंबी चली शतरंज की बाजी 269 चालों तक गयी थी.

बॉबी फिशर (अमेरिका) और बोरिस स्पास्की (रूस) की 1972 की ”कोल्ड वॉर मैच” को अब भी सबसे ऐतिहासिक माना जाता है.

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