झारखंड में ब्लड बैंक मैनेजमेंट सिस्टम होगा दुरुस्त, प्रशिक्षित किए गए छह मास्टर ट्रेनर

‍‍Blood Bank Management System: बीटीएस झारखंड द्वारा ब्लड बैंक मैनेजमेंट सिस्टम (BBMS) पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव एवं परियोजना निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा कि हर जिले में ई-रक्तकोष प्रणाली (E-Blood Cell System) के लिए मास्टर प्रशिक्षक नियुक्त किए जाएंगे. ई-रक्तकोष एवं BBMS के संचालन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए राज्यभर में छह मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया गया है.

By Guru Swarup Mishra | November 3, 2025 5:41 PM

Blood Bank Management System: रांची-स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव एवं परियोजना निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा कि हर जिले में ई-रक्तकोष प्रणाली (E-Blood Cell System) के लिए मास्टर प्रशिक्षक नियुक्त किए जाएंगे और किसी भी तकनीकी या प्रबंधन संबंधी कमी को जल्द दूर किया जाएगा. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान यह बताया गया कि ई-रक्तकोष एवं BBMS के संचालन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए राज्यभर में छह मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने सभी रक्त केंद्रों में कंप्यूटर ऑपरेटर की उपलब्धता और इलेक्ट्रॉन ब्रॉडबैंड प्रबंधन प्रणाली के नियमित डेटा अपडेट करने पर भी जोर दिया. बीटीएस झारखंड द्वारा ब्लड बैंक मैनेजमेंट सिस्टम (BBMS) पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में वह बोल रही थीं.

सभी रक्त केंद्रों का होगा डिजिटलीकरण-डॉ नेहा अरोड़ा


डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के सभी रक्त केंद्रों का डिजिटलीकरण कर ब्लड बैंक संचालन में पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित करना है. मौके पर सदस्य सचिव एसबीटीसी झारखंड डॉ एसएस पासवान, सहायक परियोजना निदेशक, ksacs, रिचार्ज ब्लड सेल, nhm के डॉ पीके सिन्हा तथा सी-डैक नोएडा से परियोजना समन्वयक राम जी गुप्ता मौजूद थे.

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Blood Bank Management System की दी जानकारी


सी-डैक के राष्ट्रीय विशेषज्ञ राम जी गुप्ता ने BBMS (Blood Bank Management System) की विस्तृत जानकारी दी तथा राज्य के सभी रक्त केंद्रों के प्रतिनिधियों को इसके संचालन का प्रशिक्षण दिया. कार्यक्रम में सहायक निदेशक (औषधि) ने रक्त केंद्रों के सुचारू संचालन पर प्रस्तुति दी और सभी रक्त बैंकों को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए.

डॉ नेहा अरोड़ा ने दिए निर्देश


परियोजना निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा कि प्रत्येक रक्त केंद्र के कर्मचारी की कार्य-जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई है. उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन पूर्ण समर्पण के साथ करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि अब रक्त केंद्रों में रैपिड टेस्ट नहीं, बल्कि केवल ELISA, Chemiluminescence और NAT परीक्षण ही मान्य होंगे ताकि रक्त की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से राज्य में ब्लड बैंक प्रणाली को आधुनिक, पारदर्शी और जन-हितैषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.