सरना धर्म कोड को लेकर रणनीति बनाने में जुटी है भाजपा, नड्डा से मिले बाबूलाल मरांडी व दीपक प्रकाश

आदिवासी या सरना धर्म कोड पर नहीं फंसेगी भाजपा, सरकार को धर्मांतरण पर भी घेरेगी

By Prabhat Khabar | November 9, 2020 8:48 AM

रांची : सरना धर्म कोड को लेकर झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी तेज है़ 11 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत है़ सत्र को लेकर पक्ष-विपक्ष में रणनीति बन रही है़ भाजपा इस मुद्दे को लेकर अपना पुराना कार्ड फिर से खेलेगी़ भाजपा आदिवासी या फिर सरना के नाम से धर्म कोड के पचड़े में नहीं पड़ेगी़

सदन के अंदर आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड की पैरवी भाजपा भी करेगी़. लेकिन इसके साथ ही सरकार को धर्मांतरण के मुद्दे पर घेरने भी रणनीति होगी़. आदिवासियों के धर्म कोड के आरक्षण का मामला अलग है, लेकिन भाजपा की दलील होगी कि धर्मांतरण के कारण आदिवासियों का हक मारा गया है़ भाजपा के निशाने पर ईसाई वाला मामला होगा़

इस मुद्दे को लेकर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और भाजपा एसटी मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद समीर उरांव रणनीति बनाने में जुटे है़ं भाजपा विधायक दल के नेता श्री मरांडी व अध्यक्ष श्री प्रकाश ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात भी की है़ इस मुलाकात में एसटी मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव भी मौजूद थे़

इसमें सरना धर्म कोड को लेकर पार्टी के स्टैंड पर चर्चा हुई़ प्रदेश भाजपा के नेताओें ने पार्टी के दूसरे आला नेताओं से भी मुलाकात की़ इसमें तय हुआ है कि पार्टी धर्मांतरण को एजेंडा बना कर इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेगी़ भाजपा की कोशिश होगी कि हेमंत सोरेन सरकार को सरना धर्म कोड पर कोई माइलेेज ना लेने दिया जाये़ आदिवासियों के बीच एक नया एजेंडा खड़ा किया जाये़

कार्तिक उरांव के एजेंडे पर कांग्रेस को घेरेंगे

कांग्रेस के पुराने नेता व आदिवासियों के सवाल पर जुझारू स्व कार्तिक उरांव के एजेंडे को भाजपा उठायेगी़ स्व उरांव आदिवासियों के धर्मांतरण को लेकर मुखर रहे थे़ उन्होंने ईसाइयों को आरक्षण देने के खिलाफ आवाज उठायी थी़ भाजपा इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा करेगी़

राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य पर भी हुई चर्चा

भाजपा के प्रदेश के नेताओं और एसटी मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नड्डा से आदिवासियों के लिए अलग धर्मकोड का राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में पड़नेवाले असर पर भी चर्चा की़ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मामले में गेंद केंद्र सरकार के पाले में फेंक दी है़ केंद्र सरकार को अब आगे निर्णय लेना है़ भाजपा इस मुद्दे के राजनीतिक मायने भी ढ़ूंढ रही है़

posted by : sameer oraon

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