झारखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के क्रियान्वयन में व्यापक प्रगति : सर्वेक्षण

रांची : झारखंड ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अपनी 87 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को लाने में सफलता पाई है जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 75 प्रतिशत तक है. राज्य के वर्ष 2015-16 के आर्थिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है, ‘‘इससे पता चलता है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2016 9:33 PM

रांची : झारखंड ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अपनी 87 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को लाने में सफलता पाई है जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 75 प्रतिशत तक है. राज्य के वर्ष 2015-16 के आर्थिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है, ‘‘इससे पता चलता है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत जनसंख्या को लाने के मामले में झारखंड ने काफी प्रगति की है. ग्रामीण-शहरी वितरण के आंकडे बताते हैं कि 21.67 करोड यानी 86.48 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या इसके दायरे में आई है जबकि राष्ट्रीय औसत 75 प्रतिशत का है.”

इसके साथ ही, ‘‘47.75 लाख यानी 60.20 प्रतिशत शहरी जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में लाया गया है जबकि राष्ट्रीय औसत 50 प्रतिशत का है.” इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ‘दाल-भात योजना’ सहित कई योजनाओं को चलाया जा रहा है. इसमें कहा गया है कि विभाग ने एक लाख गरीब परिवारों को निशुल्क एलपीजी वितरण की भी शुरआत की है.

राशन दुकानदारों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिये राज्य सरकार ने उनका कमीशन 45 पैसे से बढाकर 80 पैसे प्रति क्विंटल कर दिया. इस बीच राज्य के खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले मंत्री सरयू रॉय ने आज कहा कि इस साल से राशन की दुकानों में चना और दालें भी वितरित की जायेंगी. नमक को पहले ही राशन दुकानों के जरिये जारी किया जा रहा है.