झारखंड में मॉब लिंचिंग के मामलों को लेकर विभिन्न संगठनों ने दिया महाधरना, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

रांची : झारखंड के सरायकेला-खरसावां स्थित घातकीडीह में तबरेज अंसारी लिंचिंग कांड समेत प्रदेश में हुए अब तक करीब मॉब लिंचिंग के 18 मामलों के खिलाफ बुधवार को राजभवन के सामने विभिन्न सामाजिक संगठनों और वामदलों की ओर से नागरिक प्रतिवाद के तहत महाधरना का आयोजन किया गया. इसे भी देखें : Jharkhand Mob Lynching […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 26, 2019 9:22 PM

रांची : झारखंड के सरायकेला-खरसावां स्थित घातकीडीह में तबरेज अंसारी लिंचिंग कांड समेत प्रदेश में हुए अब तक करीब मॉब लिंचिंग के 18 मामलों के खिलाफ बुधवार को राजभवन के सामने विभिन्न सामाजिक संगठनों और वामदलों की ओर से नागरिक प्रतिवाद के तहत महाधरना का आयोजन किया गया.

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महाधरना में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित चर्चित शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि राज्य में काफी सुविचारित ढंग से नफरत की सियासत करने वाले मॉब लिंचिंग नहीं, मोबलाइज लिंचिंग कर समाज के लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर रहे हैं. इसके खिलाफ व्यापक तरीके से सामाजिक एकता के साथ लंबी लड़ाई लड़नी होगी. अपने शायराना अंदाज में कहा कि आपका जो ये सूबा है, मजलूमों के आंसू-तबरेज़ों के खूं में डूबा है.

इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने वर्तमान भाजपा शासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा चुनावों में जिस सांप्रदायिक तकनीक का इस्तेमाल कर सफलता हासिल की गयी, अब जबकि झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं, तो फिर उसी सांप्रदायिक तकनीक के तहत तबरेज अंसारी लिंचिंग कांड को अंजाम दिया गया है.

वहीं, भाकपा माले के प्रदेश सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि भाजपा शासन द्वारा झारखंड को मॉब लिंचिंग की प्रयोगशाला बनाने की साजिश को प्रदेश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. पूर्व राज्यसभा सांसद अनवर अली ने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाएं करवाकर भाजपा सरकार लोगों को दहशत में डालकर एक पूरी कौम को देश और कानून का राज के प्रति नाउम्मीद बना रही है और यह एक खतरनाक स्थिति है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्रीनिवास तथा झारखंड आन्दोलकारी बशीर अहमद ने कहा कि मॉब लिंचिंग करनेवाले हिंदू संप्रदाय के छोटे व कातिल मानसिकता के लोग हैं, जिसके खिलाफ हर स्तर पर विरोध में खड़ा होना. एआईपीएफ के अनिल अंशुमन ने कहा कि इस राज्य को सुनियोजित लिंचिंग कांडों का हब बनाया जा रहा है. इन कांडों के दोषियों को बचाने में पुलिस की संदेहास्पद भूमिका बता रहा है कि अब यहां की पुलिस को भी सांप्रदायिक राजनीति का हथियार बनाया जा रहा है.

महाधरना का संचालन करते हुए अवामी इंसाफ मंच के नदीम खान ने कहा कि हालात बता रहें हैं कि आज प्रदेश में जितनी भी मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो रहीं हैं, उसे करनेवालों को सत्ताधारी दल-नेताओं का संरक्षण मिला रहा है. अतिथियों का स्वागत करते हुए नौशाद आलम अंसारी ने सामाजिक एकता के जरिये सांप्रदायिक ताकतों को शिकस्त देने की अपील की.

वहीं, केरल से आये मुस्लिम लीग के युवा नेता पीके सुबैर, जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद द्वारा भेजे गये बीएचयू के छात्र नेता अभिषेक, वरिष्ठ बुद्धिजीवी हुसैन कच्छी, केंद्रीय सरना समिति के अजय तिर्की, आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के प्रभाकर तिर्की, गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के प्रो हरबिंदर बीर सिंह समेत कई अन्य लोगों ने अपने संबोधन में सत्ता संरक्षित हिंसा-नफरत की सियासत के खिलाफ अमनपसंद अवामी सामाजिक एकता बनाने की अपील की.

महाधरना में वरिष्ठ आदिवासी नेता बंधु तिरकी, एकटू झारखंड के शुभेन्दू सेन, वरिष्ठ साहित्यकार व झामुमो नेता महुआ मांझी व अंतु तिर्की, फादर स्टेन स्वामी, कुमार विनोद, मौलाना तलहा नादवी, मुफ़्ती सलमान कासमी, सीपीएम के प्रफुल्ल लिंडा, यूएमएफ के अफजल अनीस, झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा के अधिवक्ता मुमताज खान, कांग्रेस के आइनूल हक़ व मुंतज़िर हसन, हाजी अख्तर अंसारी, हाफमैन के फादर महेंद्र पीटर तिग्गा, बसपा के विद्याधर प्रसाद, आम आदमी पार्टी की यासमीन लाल व राजन कुमार समेत कई विशिष्ट सामाजिक कर्मी व राजनेता इत्यादि शामिल हुए.

महाधरना को पसमंदा मुस्लिम महाज के अली अनवर अंसारी , आमया के एस अली व रहमतुल्ला अंसारी, मौलाना तहजीबुल हसन, भाकपा माले नेता भुवनेश्वर केवट, आदिवासी बुद्धिजीवी वाल्टर कंडुलना, एसआईओ के मिनहाज अंसारी, सरना समिति के भादी उरांव, एपीसीआर के एडवोकेट रजाउल्ला अंसारी, झारखंड कॉमी तहरीक के अज़हर अहमद, झारखंड विकास मोर्चा पार्टी के खालिद खलील, मूल निवासी संघ के द्वारिका दास, कांग्रेस नेता अजयनाथ शाहदेव के अलावा शक्ति शांति समिति, आम आदमी पार्टी, झारखंड जनाधिकार महासभा, झारखंड उलगुलान मंच, जमात-ए-इस्लामी हिंद झारखंड, अंजुमन इस्लामिया रांची के महासचिव मुख्तार अहमद, झारखंड एकता संघ के संतोष मण्डल, युवा नेता इमरान रज़ा अंसारी, साजिद उमर, नदीम इकबाल, ज़ाहिद, ज़िला राजद के अब्दुल अंसारी, अब्दुल सलाम, अब्दुल ख़ालिक़, शकील अहमद अंसारी व मो अल्तमस समेत कई अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया.

इसके अलावा, महाधरना में शामिल राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा है. इसमें मांग की गयी है कि वर्तमान शासन में राज्य के अल्पसंख्यक-दलित व आदिवासी समाज के लोगों को धार्मिक संप्रदाय विशेष के लोगों द्वारा लिंचिंग कांड कर मार डालने की घटनाएं आम हो गयी हैं. इसे रोकने के लिए सरकार पर दबाव डाला जाए.

इसके साथ ही, ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार झारखंड प्रदेश में मॉब लिंचिंग कांडों को रोकने तथा तबरेज अंसारी लिंचिंग कांड समेत अन्य सभी लिंचिंग कांडों के दोषियों को कड़ी सज़ा सुनिशिश्चित करने के लिए विशेष नीति व सरकार-प्रशासन को जवाबदेह बनाया जाए. ऐसे कांडों के लिए जिले के डीसी/एसपी को मुख्य जवाबदेह बनाते हुए इस मामले में संदेहास्पद भूमिका निभानेवाले तथा केस-रिपोर्ट को कमजोर बनाने वाले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कारवाई हो. लिंचिंग कांड के पीड़ित परिवारों के भरण-पोषण, बच्चों की शिक्षा और जीवन यापन के लिए सरकार की ओर से समुचित रोजगार की व्यवस्था की जाए.

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