VIDEO : झारखंड सरकार ने बजट से पहले पेश की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट, विधायकों ने पूछे ये सवाल

रांची : झारखंड सरकार ने बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया. वहीं, विरोधी दलों के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने भी अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को घेरा. सरकार ने बताया कि तीन साल में झारखंड की औसत वार्षिक विकास दर 8.2 फीसदी रही. पिछले वर्ष […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2019 4:04 PM

रांची : झारखंड सरकार ने बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया. वहीं, विरोधी दलों के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने भी अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को घेरा.

सरकार ने बताया कि तीन साल में झारखंड की औसत वार्षिक विकास दर 8.2 फीसदी रही. पिछले वर्ष इसमें 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी. वहीं, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. सरकार ने बताया कि नॉमिनल जीएसडीपी इस वर्ष 10.4 फीसदी रह सकता है. पिछले तीन साल में यह क्रमश: 9.4, 5.0 और 5.1 प्रतिशत रहा. आर्थिक सर्वेक्षण में वास्तविक और नॉमिनल प्रति व्यक्ति आय 59,384 और 76,806 रुपये हो जाने का अनुमान है.

इससे पहले, कांग्रेस ने सदन के बाहर सरना धर्म कोड लागू करने की मांग की. पार्टी ने अपनी मांग के समर्थन में प्रदर्शन भी किया. मधु कोड़ा की पत्नी और अब कांग्रेस विधायक गीता कोड़ा ने प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा का मामला उठाया. कार्यवाही शुरू होते ही गीता कोड़ा ने पूर्वी सिंहभूम के कुमारडुंगी प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना में मृतकों के नाम आवास आवंटन का मुद्दा उठाया.

इस पर विभागीय मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि यह मसला सरकार के संज्ञान में है. फर्जीवाड़ा करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. सरकार कानूनी कार्रवाई कर रही है. गीता ने इस कार्रवाई को नाकाफी बताया. उन्होंने कहा कि इतने बड़े घपले में सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है. सत्ताधारी दल के विधायक राधा कृष्ण किशोर और झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के विधायक प्रदीप यादव ने उनका समर्थन किया. दोनों वरिष्ठ विधायकों ने प्रधानमंत्री आवास के आवंटन में गड़बड़ी को गंभीर मामला बताया.

प्रश्नकाल के दौरान अल्प सूचित प्रश्न के तहत कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने छात्रवृत्ति, 978 आदिवासी गांव में पेयजल की सुविधा नहीं होने का मामला उठाया. इस पर विभागीय मंत्री सीपी चौधरी ने कहा कि सरकार इसको लेकर गंभीर है. वर्ष 2019-20 तक सभी गांवों में पेयजल की आपूर्ति सरकार सुनिश्चित करेगी.

आरक्षण, खनन और लघु खनन के मुद्दे भी उठे

विधानसभा की पहली पाली में आरक्षण, खनन और लघु खनन के मुद्दे छाये रहे. प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत विधायकों ने ये मामले उठाये. भाजपा के राधा कृष्ण किशोर ने पलामू के जंगलों में हिंडाल्को द्वारा माइनिंग का मुद्दा उठाया. इस पर मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि जंगल-झाड़ में खनन नहीं हो रहा. श्री किशोर ने मंत्री से कहा कि उनके सवाल पर चर्चा की बजाय उसकी जांच कराने में क्या दिक्कत है.

श्री किशोर ने कहा कि उषा मार्टिन अच्छा काम कर रही थी. उसी योजना पर हिंडाल्को काम कर रहा है. उसे अपनी खनन योजना बनानी थी, लेकिन उसके पास अपनी कोई खनन योजना नहीं है.

उधर, सुखदेव भगत ने लघु खनन में पेसा कानून के उल्लंघन का मुद्दा उठाया. कहा कि इसमें भी बड़े लोगों को ठेका दिया जा रहा है. छोटे व्यापारियों को संरक्षण नहीं मिल रहा. उन्होंने कहा कि पेसा कानून की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है या नहीं. इस पर मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि पांच एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में खनन होना है, तो उसकी नीलामी होती है. इससे कम क्षेत्र में खनन के लिए नीलामी नहीं होती. पांच एकड़ से कम क्षेत्र होने पर खनन पट्टा देने का अधिकार उपायुक्त को दिया गया है.

श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार पेसा कानून को महत्व दे रही है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में खनन को लेकर जो कानून बना, उसी के तहत यह फैसला लिया गया है. फिर भी सरकार विधायक के सवाल की समीक्षा करेगी.

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