अब भी नहीं जागे, तो कश्मीरी पंडितों जैसी हालत होगी सदानों की : राजेंद्र

रांची : सदान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा है कि सभी राजनीतिक दलों को हमेशा ही सदानों का वोट मिलता रहा है. उसमें भी खासकर सबसे ज्यादा संख्या में मतदाता भाजपा को वोट देते आये हैं, लेकिन भाजपा सरकार हमेशा सदानों की अनदेखी करती आयी है. जबकि मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 11, 2018 6:34 AM

रांची : सदान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा है कि सभी राजनीतिक दलों को हमेशा ही सदानों का वोट मिलता रहा है. उसमें भी खासकर सबसे ज्यादा संख्या में मतदाता भाजपा को वोट देते आये हैं, लेकिन भाजपा सरकार हमेशा सदानों की अनदेखी करती आयी है.

जबकि मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा भी सदानों की अहमियत को जानते थे और इसी कारण सदानों को अपने साथ जोड़ने के लिए उन्हाेंने अपनी पार्टी आदिवासी सभा को भंग कर झारखंड पार्टी बनायी.
श्री प्रसाद कोकर स्थित ग्रैंड ऑकेजन बैंक्वेट हॉल में सदान मोर्चा द्वारा झारखंड में सदानों के वर्तमान और भविष्य विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में बतौर मुक्त अतिथि बोल रहे थे.
श्री प्रसाद ने कहा कि सरकार सिर्फ वोट बैंक के रूप में सदानों का इस्तेमाल कर रही रही है. उन्होंने कहा कि अब भी अगर सदान नहीं जागे तो एक दिन कश्मीरी पंडिताें की तरह उन्हें झारखंड से निकाल दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि सदानों को एकजुट करने के लिए सात अक्तूबर को राजधानी में महारैली का आयोजन किया जायेगा.
केंद्रीय सचिव अजीत विश्वकर्मा ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने जो सदान मोर्चा को आश्वासन दिया था, उसे अगर जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो 2019 में भाजपा सत्ता में आने का ख्वाब देखना छोड़ दे. केंद्रीय प्रवक्ता डॉ अनिल मिश्रा ने कहा कि सदानों के हक और अधिकार का लाभ बाहरी लोग ले रहे हैं.
सांसद-विधायक बनने की बात तो दूर, शिक्षण संस्थान या फिर किसी भी आयोग के अध्यक्ष, सचिव या सदस्य के रूप में भी सदानों को जगह नहीं दी जा रही है. अरुण कश्यप ने कहा कि सदानों की एकता बहुत बड़ी शक्ति है, जो इसे पहचान लेगा वही झारखंड में राज करेगा.
कार्यक्रम को शिक्षाविद डॉ रामप्रसाद, डॉ उमेश तिवारी, डॉ जनार्दन प्रसाद, किशोर गंझू, मनोज वर्मा, शिवनारायण गंझू, मोतीलाल पंडित, हेमंत यादव, महेंद्र ठाकुर, विशाल कुमार, सुरेश श्रीवास्तव, प्रमोद शर्मा, प्रदीप साहू, प्रो प्रेम सागर केशरी आदि ने संबोधित किया.

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