कोयला घोटाला : कोड़ा की मदद से खदान पाने वाली कंपनी को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत, नहीं भरना होगा जुर्माना

रांची/नयी दिल्ली:झारखंडके पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की मदद से कोयला खदान पाने वाली कोलकाता की कंपनी को अब जुर्माना नहीं भरना होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने कोलकाता की इस कंपनी पर लगाये गये 50 लाख रुपये के जुर्माने पर स्टे लगा दिया है. पश्चिम बंगाल की एक लौह एवं इस्पात कंपनी पर सीबीआई की विशेष अदालत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 23, 2017 1:22 PM

रांची/नयी दिल्ली:झारखंडके पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की मदद से कोयला खदान पाने वाली कोलकाता की कंपनी को अब जुर्माना नहीं भरना होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने कोलकाता की इस कंपनी पर लगाये गये 50 लाख रुपये के जुर्माने पर स्टे लगा दिया है. पश्चिम बंगाल की एक लौह एवं इस्पात कंपनी पर सीबीआई की विशेष अदालत ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर कोयला खदान हासिल करने के जुर्म में 50 लाख रुपये जुर्माना लगाया था.

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कोयला खदान आवंटन घोटाला से जुड़े इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश अनु मल्होत्रा ने सीबीआई की विशेष अदालत के जुर्माना जमा कराने के आदेश पर 22 जनवरी तक रोक लगा दी. कोर्ट में 22 जनवरी को आगे की सुनवाई होगी.

कोलकाताकी कंपनी विन्नी आयरन एंड स्टील उद्योग ने याचिका दायर कर जुर्माने से छूट मांगी थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से भी जवाब मांगा है. कंपनी ने अपनी याचिका में कहा है कि इस कथित घोटाले में विशेष अदालत ने उसे गलत ही दोषी मान लिया है.

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हाईकोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के करीबी विजय जोशी की याचिका पर भी सीबीआई से जवाब मांगा था. यह मामला वर्ष 2007-08 में विन्नी आयरन एंड स्टील उद्योग को कथित तौर पर गलत तरीके से राजहरा नाॅर्थ कोल ब्लाॅक के आवंटन से जुड़ा हुआ है.

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