समाज कल्याण विभाग ने जारी किया निर्देश, उपायुक्तों व समाज कल्याण पदाधिकारियों से कहा सभी जिलों में प्ले स्कूल नियमावली लागू करें
रांची: समाज कल्याण विभाग ने उपायुक्तों तथा जिला समाज कल्याण पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि वे अपने-अपने जिलों में झारखंड प्ले स्कूल नियमावली-2017 को संजीदगी से लागू करें. हालांकि यह नियमावली सही मायने में अगले सत्र (2018-19) से ही लागू होगी, पर उपायुक्तों को अभी से इसकी तैयारी शुरू कर देने को कहा […]
रांची: समाज कल्याण विभाग ने उपायुक्तों तथा जिला समाज कल्याण पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि वे अपने-अपने जिलों में झारखंड प्ले स्कूल नियमावली-2017 को संजीदगी से लागू करें. हालांकि यह नियमावली सही मायने में अगले सत्र (2018-19) से ही लागू होगी, पर उपायुक्तों को अभी से इसकी तैयारी शुरू कर देने को कहा गया है. गौरतलब है कि प्ले स्कूलों की नियमावली के मुद्दे पर हाइकोर्ट गंभीर है तथा इसे लागू करने संबंधी मामले पर दो नवंबर को सुनवाई होनी है. विभाग ने इसलिए भी अब इस मामले में तेजी दिखायी है.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने झारखंड राज्य प्ले स्कूल (पहचान व नियंत्रण) नियमावली-2017 बनायी है. नेशनल अर्ली चाइल्डहूड केयर एंड एजुकेशन (इसीसीइ) पॉलिसी-2013 के आलोक में बनी इस नियमावली के जरिये तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा देने वाले प्ले स्कूलों को नियम व शर्तों में बांधा गया है. अभी तक हर शहर कस्बों में कुकुरमुत्ते की तरह उग आये इन ज्यादातर स्कूलों में पढ़ाई व सुविधा के नाम पर खानापूर्ति होती है. वहीं इन्हें मन लगाने तथा कमाई का एक जरिया माना जाता है, जहां बच्चों को रहने, खेलने व सीखने का बेहतर वातावरण नहीं मिलता. यही नहीं ज्यादातर अप्रशिक्षित शिक्षक मामूली मानदेय पर इन स्कूलों में पढ़ाते हैं. नयी नियमावली में सभी शिक्षकों को अपेक्षित प्रशिक्षण तथा उन्हें उनके बैंक खाते में वेतन भुगतान को अनिवार्य किया गया है.
इससे पहले प्ले स्कूल चलाने के लिए स्कूल प्रबंधकों को सक्षम प्राधिकार (जिला समाज कल्याण पदाधिकारी) को आवेदन देना होगा. इसके बाद दो सदस्यीय टीम स्कूल का भ्रमण करेगी तथा तय नियम व शर्तों को पूरा करने वाले स्कूलों की रिपोर्ट सक्षम प्राधिकार को देगी. बच्चों को सुरक्षा व सुरक्षित वातावरण देने वाले तथा अन्य नियम व शर्तें पूरी करने वाले नये स्कूलों को ही संचालन की अनुमति मिलेगी. वहीं पहले से संचालित स्कूलों को छह माह में सभी नियम, शर्त व मापदंड को पूरा करना होगा, अन्यथा उन्हें बंद करा दिया जायेगा. नियमावली में यह भी जिक्र है कि स्कूल प्रबंधन के सभी सदस्यों (अॉफिस बियरर्स) तथा शिक्षकों को भी यह शपथपत्र देना होगा कि वे कभी भी पोक्सो एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट तथा चाइल्ड लेबर एक्ट के तहत दोषी नहीं रहे हैं. नियमावली के अनुसार सरकार हर वर्ष स्टेट इसीसीइ काउंसिल से अनुमोदन के बाद सक्षम प्राधिकार से चिह्नित स्कूलों की सूची प्रकाशित करेगी.
अन्य नियम व शर्तें
1.
प्ले स्कूलों को अपने नाम के साथ प्ले स्कूल लिखना अनिवार्य.
2.
तीन वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्ले स्कूल में प्रवेश नहीं मिलेगा.
3.
स्कूल की फीस का विनियमन (रेगुलेशन) राज्य सरकार करेगी.
4. स्कूलों को किसी भी तरह के कैपिटेशन फीस लेने की मनाही होगी.
5.
प्ले स्कूल हर वर्ष नामांकन के एक माह बाद पैरेंट्स-टीचर्स एसोसिएशन का गठन करेंगे.
6.
एसोसिएशन में 75 फीसदी पैरेंट्स (कम से कम 50 फीसदी माताएं) व 25 फीसदी शिक्षक होंगे.
7. एसोसिएशन की बैठक हर माह होगी, जिसमें बच्चों के लिए स्कूल में सुरक्षित व विकासोन्मुख वातावरण बनाने के अलावा एफएसएसएआइ के रूल के तहत जंक फूड रोकने पर भी बात होगी. बच्चों के लिए हेल्थ चेकअप कैंप सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी भी एसोसिएशन की होगी.
8.
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तथा इनके वेतन झारखंड सरकार द्वारा तय नियम के अनुरूप होंगे.
9.
स्कूलों का करिकुलम नेशनल इसीसीइ पॉलिसी के तहत भारत सरकार के महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा निर्धारित होगा.
10.
प्ले स्कूलों में बच्चों की परीक्षा (टेस्ट) नहीं होगी.
प्ले स्कूलों के लिए तय शर्त
स्टाफ : एक शिक्षक अधिकतम 20 बच्चों के लिए. एक केयर गिवर (देखभाल करने वाला) 20 बच्चों के लिए. इसके अलावा साफ-सफाई, स्वच्छता तथा बच्चों की सुरक्षा व हाइजीन के लिए पर्याप्त स्टाफ होने चाहिए.
स्कूल भवन : चहारदीवारी, हवादार क्षेत्र, बच्चों के लिए रेस्ट रूम, दिव्यांग बच्चों के लिए बाधा रहित माहौल, चाइल्ड व डिसेब्लड फ्रेंडली टॉयलेट, खेलकूद की जगह. बच्चों की पहुंच के अंदर वाश बेसिन, साबुन, तौलिया व कचरा पेटी, सभी बच्चों के लिए सुरक्षित व पर्याप्त पेयजल, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, जरूरत के अनुरूप रसोईघर, आग से बचाव के उपाय तथा समय-समय पर पेस्ट कंट्रोल करना जरूरी.
सीखने के घंटे : नेशनल इसीसीइ पॉलिसी के अनुसार हर रोज तीन से चार घंटे, प्ले स्कूल गैर आवासीय (नन रेसिडेंसियल) होंगे. हर क्लास में करिकुलम के आधार पर पर्याप्त संख्या में टीचिंग लर्निंग एड जरूरी. हर प्ले स्कूल में बच्चों के लिए लाइब्रेरी जरूरी, जहां कम उम्र बच्चों के अनुकूल अॉडियो-वीडियो ऐड्स हों. महिला तथा बाल विकास मंत्रालय द्वारा निर्धारित खेल व खेलकूद के उपकरण भी पर्याप्त संख्या में होने चाहिए.
स्वास्थ्य : स्कूल में फस्ट एड व मेडिसिन किट, ओआरएस पैकेट तथा एंटीसेप्टिक अॉयनमेंट रहने चाहिए. वहीं किसी रजिस्टर्ड चिकित्सक से हर तीन माह पर बच्चों की हेल्थ चेकअप जरूरी.
रिकॉर्ड : प्ले स्कूलों को सभी बच्चों के आवेदन फॉर्म, उनके नामांकन रजिस्टर तथा अभिभावकों से संबंधित विवरण वाली प्रोफाइल, बच्चों तथा शिक्षकों सहित सभी कर्मचारियों के अटेंडेंस रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर तथा बच्चों के फी व हेल्थ चेकअप कैंप संबंधी रिकॉर्ड रखना अनिवार्य.
