पलामू जिले के सार्वजनिक स्थलों पर बनाया गया शौचालय वर्षों से बंद, महिला यात्रियों को होती है परेशानी
पलामू जिले के सार्वजनिक स्थलों पर बनाया गया शौचालय वर्षों से बंद, महिला यात्रियों को होती है परेशानी
प्रभात खबर टीम : मेदिनीनगर पलामू जिले के तकरीबन सभी प्रखंडों में विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय की कमी है. विभिन्न प्रखंडों में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया. लेकिन वर्षों से बंद पड़ा है. जिसके कारण आम लोगों को यात्रा करने के दौरान इसका लाभ नहीं मिल पाता है. खासकर महिलाओ को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. देखरेख के अभाव में शौचालय भवन जर्जर हो गया है. कई जगहों पर शौचालय भवन तो है, लेकिन शोभा की वस्तु बन गयी है. स्वच्छ भारत मिशन के 10 वर्ष बीत जाने के बावजूद शौचालय का अभाव बना हुआ है. शौचालय निर्माण के बाद रखरखाव की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण कई शौचालय बंद हो गये हैं या बनाये जाने के बाद कभी भी उपयोग में नही लाया गया. जिससे लोगों को खुले में शौच करने की विवशता है. प्रभात खबर के द्वारा पूरे जिले के विभिन्न प्रखंडों की पड़ताल की है पाटन प्रखंड फोटो 11 डालपीएच 6 पाटन के किशुनपुर में ओपी, एसबीआइ, झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक, प्लस टू उच्च विद्यालय व मध्य विद्यालय में शौचालय नहीं है. नावाजयपुर के थाना परिसर, झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक परिसर में शौचालय नहीं है. सिर्फ पाटन मुख्यालय के लोहिया चौक के पास एक शौचालय का निर्माण कराया गया है. लेकिन देखरेख के अभाव में बंद पड़ा हुआ है. पाटन प्रखंड, अंचल व बाल विकास परियोजना कार्यालय, पाटन थाना, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, वन क्षेत्र कार्यालय, एसबीआइ, झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक का शाखा है. सप्ताह में दो दिन बाजार लगता है. लेकिन सार्वजनिक शौचालय कहीं भी नहीं है. किशुनपुर व नावाजयपुर में भी लोगों का आना जाना लगा हुआ रहता है. लेकिन सार्वजनिक शौचालय की सुविधा नहीं है. तरहसी प्रखंड तरहसी में गुरुवार को लगने वाले साप्ताहिक बाजार परिसर, तरहसी शिव मंदिर, बेदानी मोड़, मिडिल स्कूल चौक, श्री केदाल बाजार, झालखंडी मंदिर, सिलडिलिया चौक, कसमार बाजार क्षेत्र सहित कई जगह है जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं, लेकिन शौचालय नहीं है.वर्ष 2017 में तत्कालीन विधायक अमानत नदी किनारे नदी को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से बहुत बड़ा सामुदायिक शौचालय भवन बनवाया था.एक सुपर को दैनिक मजदूरी पर देखभाल के लिए रखा भी गया था, एक महीना तक चला इसके बाद जो बंद हुआ वह आज तक चालू नहीं हो सका .आज वह सामुदायिक शौचालय जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ है. पांडू प्रखंड पांडू में भी शौचालय की स्थिति दयनीय है. प्रखंड मुख्यालय में जिला परिषद मद से 10 लाख 72 हजार 21 रुपये की लागत से बनाये गये. सामुदायिक शौचालय भवन में पिछले छह वर्षों से ताला लटका है. इसे मामले को लेकर न तो विभाग गंभीर है और न ही कोई प्रतिनिधि. बाजार में शौचालय नहीं रहने से बाजार करने आयी महिलाओं को काफी परेशानी होती है. शौचालय में ताला लटके रहने से लोगों में आक्रोश भी है. इधर कजरु कला बाजार में भी सामुदायिक शौचालय 33 महीने से बंद है. उधर ऊंटारी रोड़ प्रखंड में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है प्रखंड कार्यालय में भी शौचालय अच्छी स्थिति में नहीं है. सतबरवा प्रखंड सतबरवा में सामुदायिक शौचालय का निर्माण तो कराया गया.लेकिन पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी चालू नहीं हो सका है. इसके कारण आम नागरिकों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. सबसे ज्यादा महिलाओं को परेशानी होती है. सतबरवा ऐसी जगह है जहां सतबरवा के अलावा लेस्लीगंज, मनिका प्रखंड के लोग भी साप्ताहिक बुधवारीय बाजार तथा यात्रा के लिए आते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि शौचालय नहीं होने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है. विश्रामपुर प्रखंड विश्रामपुर नगर परिषद क्षेत्र में 10 वर्षों के दौरान लाखों रुपये की लागत से दर्जन भर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया था.लेकिन उसमें चालू मात्र दो हैं. बाकी सभी बंद पड़े हैं. इनमें से कुछ का तो निर्माण के बाद से ताला भी नहीं खुला है.नप क्षेत्र के कई चौक चौराहों पर तो सामुदायिक शौचालय का निर्माण ही नहीं हुआ है.जिस कारण लोग यत्र तत्र मल मूत्र का त्याग करते हैं. जिसके चलते आसपास दुर्गंध फैला रहता है. प्रखंड कार्यालय परिसर में भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है. प्रखंड के दस पंचायत मुख्यालयों में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है. हरिहरगंज प्रखंड शहर में साढ़े छह साल पहले बने सामुदायिक शौचालय आज भी उपयोग में नहीं आ सका . बाजार स्थित विवाह मंडप के पास, पुरानी बस स्टैंड और सतगावां मोड़ पर बने ये शौचालय पूरी तरह निष्क्रिय पड़े हैं. इससे नगर में गंदगी की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. हरिहरगंज, पीपरा के साथ-साथ सीमा क्षेत्र अम्बा, कुटुंबा और आसपास के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में लोग खरीदारी के लिए आते हैं. सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध न होने के कारण लोग मजबूरी में खुले स्थानों पर मल त्याग करते हैं. इससे कई हिस्सों में गंदगी की स्थिति गंभीर होती जा रही है. सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ रही है. नगर प्रशासन ने न्यू बस स्टैंड स्थित एक और सामुदायिक शौचालय सह स्नानागार का निर्माण कराया है, लेकिन वह भी अब तक चालू नहीं हो सका है. पांकी प्रखंड पांकी के व्यस्ततम कर्पूरी ठाकुर चौक पर स्थित सार्वजनिक शौचालय पिछले 13 वर्षों से जर्जर अवस्था में पड़ा है. टूट-फूट की स्थिति ऐसी है कि शौचालय कभी-कभार ही खोला जाता है. जिससे यात्रियों व राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सफाई की कोई व्यवस्था नहीं होने से शौचालय उपयोग योग्य भी नहीं रह गया है.विभाग द्वारा वर्षों से इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, जबकि चौक पर रोजाना बड़ी संख्या में लोग आवाजाही करते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
