विद्यार्थियों को सुरक्षित भोजन व मिलावट पहचानने की जानकारी दी गयी
विद्यार्थियों को सुरक्षित भोजन व मिलावट पहचानने की जानकारी दी गयी
महिला कॉलेज में खाद्य मिलावट रोकने को लेकर जागरूकता कार्यक्रम प्रतिनिधि, मेदिनीनगर शनिवार को योध सिंह नामधारी महाविद्यालय में खाद्य मिलावट रोकने को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों और समुदाय को खाद्य मिलावट, उपभोक्ता अधिकारों तथा सुरक्षित खाद्य व्यवहार के प्रति जागरूक करना था. यह आयोजन गृह विज्ञान विभाग, एनएसएस और आइक्यूएसी के संयुक्त सहयोग से किया गया. एनएसएस व गृह विज्ञान विभाग की छात्राओं द्वारा स्वनिर्मित पेंटिंग और पौधा–बास्केट भेंट की गयीं.ये वस्तुएं बेकार व अपशिष्ट सामग्री से बनायी गयीं थीं, जो विद्यार्थियों की रचनात्मकता और पर्यावरण–अनुकूल सोच को दर्शाती हैं. मुख्य वक्ता लव कुमार ने खाद्य मिलावट के कारणों, दुष्प्रभावों और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि मुनाफाखोरी, मांग–आपूर्ति का दबाव और कीमत कम रखने की प्रवृत्ति खाद्य मिलावट के प्रमुख कारण हैं. उन्होंने उपभोक्ताओं को सलाह दी कि पैकेटबंद खाद्य सामग्री खरीदते समय आइएसआइ, एगमार्क और एफएसएसएआइ के चिन्ह अवश्य देखें तथा संदिग्ध खाद्य पदार्थों की शिकायत फूड सेफ्टी हेल्पलाइन या मोबाइल ऐप पर करें. दूध, मसाले, तेल और हल्दी में मिलावट पहचानने की सरल विधियाँ भी प्रदर्शित की गयीं, जिससे उपस्थित लोगों को घर पर ही मिलावट की पहचान करने के व्यावहारिक तरीके सीखने में सहायता मिली. कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. मोहिनी गुप्ता ने की. उन्होंने कहा कि खाद्य मिलावट केवल स्वास्थ्य का विषय नहीं, बल्कि समाज की नैतिकता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी से जुड़ा व्यापक मुद्दा है. तमन्ना जॉयस और पुष्पा कुमारी ने भी खाद्य मिलावट के दुष्प्रभावों तथा उपभोक्ता जागरूकता पर अपने विचार रखे. कार्यक्रम का संचालन डॉ. मिनी टुडू ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुप्रिया सोनालिका ने दिया.
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