पलामू में कड़ाके की ठंड, तापमान 6.1 डिग्री पर पहुंचा

पलामू में कड़ाके की ठंड, तापमान 6.1 डिग्री पर पहुंचा

By Akarsh Aniket | December 6, 2025 9:18 PM

प्रतिनिधि, मेदिनीनगर

पलामू जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और सर्द हवाओं के कारण कनकनी बढ़ गयी है. शहरी ही नहीं, ग्रामीण इलाकों में भी ठंड का असर तेज़ी से महसूस किया जा रहा है. नवंबर की शुरुआत से ही तापमान में गिरावट शुरू हो गयी थी, लेकिन एक दिसंबर के बाद ठंड में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिली है. मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में शीतलहर और तेज़ हो सकती है. ठंड बढ़ने से बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. खासकर गरीब और असहाय परिवार अधिक प्रभावित हैं जिनके पास पर्याप्त गर्म कपड़ों की कमी है. लोग सुबह-शाम अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं जिला प्रशासन ने अभी तक कंबल वितरण शुरू न होने पर लोग सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि ठंड तेज होने के बावजूद राहत कार्य शुरू न होना चिंता का विषय है.

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पलामू का न्यूनतम तापमान एक दिसंबर को 11.5 डिग्री, दो दिसंबर को 10.5 डिग्री, तीन दिसंबर को 9.6 डिग्री, चार दिसंबर को 8.6 डिग्री, शुक्रवार को 8.3 डिग्री व शनिवार को 6.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. सुबह की आर्द्रता 90 प्रतिशत और शाम की आर्द्रता 68 प्रतिशत दर्ज की गयी. बढ़ती ठंड से आम लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है.

विशेष सलाह : चिकित्सकों ने लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है. उन्होंने कहा कि ठंड में शरीर का तापमान संतुलित रखना जरूरी है, वरना बीमार पड़ने की आशंका बढ़ जाती है. उन्होंने पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने, गर्म पानी पीने, ताजा भोजन करने और गर्म पेय पदार्थों के सेवन की सलाह दी है। साथ ही बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत बतायी है.

ठंड से ठिठुर रहे दातून और पत्ता बेचने वाले परिवार

मेदिनीनगर में रोज़ी–रोजगार की तलाश में दूरदराज के गांवों से आने वाले गरीब परिवार कड़ाके की ठंड से परेशान हैं. लातेहार जिले के छिपादोहर, बरवाडीह, गारू, कुमुडी आदि क्षेत्रों से महिला, पुरुष और बच्चे दातून, सखुआ पत्ता और दोना बेचने के लिए शहर आते हैं. सामान नहीं बिकने पर उन्हें शहर में ही रात गुजारनी पड़ती है. लालकोठा क्षेत्र में सड़क किनारे दातून और दोना बेचने वालों ने बताया कि ठंड से हालत दयनीय हो गयी है. न तो प्रशासन की ओर से कंबल मिला है और न ही अलाव की कोई व्यवस्था की गयी है. गारू के सुकन उरांव, छिपादोहर की मानमती और धनवती का कहना है कि उनके पास आजीविका का कोई और साधन नहीं है. दातून बेचकर ही गुजारा होता है. सामान बिकने में दो-तीन दिन लग जाते हैं, इस कारण वे दुकान के बरामदे में ही रात बिताने को मजबूर हैं.उनका कहना है कि शासन–प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है