श्रीराम पृथ्वी पर धर्म की स्थापना के लिए अवतरित हुए थे : मोहिनी
श्रीराम पृथ्वी पर धर्म की स्थापना के लिए अवतरित हुए थे : मोहिनी
पाटन. मध्य विद्यालय परिसर में आयोजित दुर्गापूजा महोत्सव पर मानस प्रवचन के दौरान उत्तर प्रदेश के लखनऊ मंडल जिला सीतापुर नैमिषारण्य ( ललिता देवी शक्तिपीठ, जहां देवी सती का हृदय गिरा था. जिसके कारण यह 51 शक्तिपीठों में से एक है) से पधारी सरस कथा प्रवक्ता पूज्या देवी मोहिनी किरण शुक्ला ने राम जन्म की पावन कथा श्रवण पान करायी गयी. उन्होंने बताया कि श्री राम जन्म का महत्व यह है कि वे धर्म और धार्मिकता को पृथ्वी पर फिर से स्थापित करने के लिए भगवान विष्णु के अवतार थे. जिससे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बना. जिससे भक्तों को एक आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है. जिसमें सत्य, करुणा, और सेवा के मूल्यों का पालन किया जाता है. श्री राम जन्म आनंद, आशा और न्याय की पुनर्स्थापना का प्रतीक है. श्री राम ने पृथ्वी पर धर्म की स्थापना के लिए अवतार लिया, जिससे समाज में सत्य, न्याय और सदाचार को बढ़ावा मिला. श्री राम का जीवन एक आदर्श पुत्र, भाई, पति और राजा के रूप में सभी के लिए एक उदाहरण है, जिसके कारण उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है. रामनवमी का दिन आशा का प्रतीक है, जो बुराई पर धर्म और अच्छाई की जीत का प्रतिनिधित्व करता है.
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