10 वर्षों से नहीं बन पा रहा था विद्यालय भवन, जमीन मिली, 40 दिन में बनेगा दो तल्ला भवन

मेदिनीनगर : पलामू के लेस्लीगंज प्रखंड के जुरू गांव में उत्क्रमित मध्य विद्यालय का जमीन की उपलब्धता नहीं होने से विद्यालय भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा था. पिछले 10 वर्षों से विद्यालय भवन के लिए राशि उपलब्ध होने के बाद निर्माण नहीं हो पा रहा था. पांच डिसमिल जमीन पर खपरैल भवन में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 19, 2018 8:57 AM
मेदिनीनगर : पलामू के लेस्लीगंज प्रखंड के जुरू गांव में उत्क्रमित मध्य विद्यालय का जमीन की उपलब्धता नहीं होने से विद्यालय भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा था. पिछले 10 वर्षों से विद्यालय भवन के लिए राशि उपलब्ध होने के बाद निर्माण नहीं हो पा रहा था. पांच डिसमिल जमीन पर खपरैल भवन में विद्यालय संचालित हो रहा था.
विद्यालय भवन नहीं होने से बच्चों को पठन-पाठन में काफी परेशानी हो रही थी. आरडीडीइ अरविंद विजय बिलुंग ने निरीक्षण के क्रम में स्थिति का जायजा लिया था. श्री बिलुंग की अध्यक्षता में ग्रामीणों की बैठक हुई.
आरडीडीइ के अथक प्रयास से संबंधित पंचायत के मुखिया व ग्रामीणों के सहयोग जुरू को उत्क्रमित मध्य विद्यालय भवन के लिए जमीन उपलब्ध कराया गया. पिछले 40 दिनों में डबल स्टोरी का विद्यालय भवन बनने के कगार पर है.
कार्य अंतिम चरण पर है. बैजनाथ प्रसाद ने 26 डिसमिल जमीन दान स्वरूप विद्यालय भवन के लिए दिया है. वर्तमान में 400 बच्चे अध्ययनरत है. अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति के बच्चे पढ़ाई करते है. विद्यालय भवन का कार्य को पूरा होता देख कर अभिभावकों व ग्रामीणों में काफी खुशी है.
जमीन उपलब्ध नहीं होने भवन निर्माण कार्य बाधित था
विद्यालय के प्राचार्य कपिल गिरि का कहना है कि विद्यालय भवन नहीं होने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता रहा. खासकर बच्चों को पढ़ाई में ज्यादा परेशानी होती थी. बरसात व ठंड के मौसम में अधिक परेशानी झेलना पडता था. उन्होंने कहा कि आरडीडीइ के अथक प्रयास से बदलाव हुआ. विद्यालय भवन बनने से बच्चों को काफी सुविधा होगी.
बेहतर शैक्षणिक वातावरण के लिए विद्यालय भवन जरूरी : आरडीडीइ
पलामू क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक अरविंद विजय बिलुंग ने कहा कि शैक्षणिक वातावरण के लिए अपना विद्यालय भवन होना जरूरी है. पिछले कई वर्षों से जमीन उपलब्धता के अभाव में भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा था.
प्रयास के बाद मुखिया व ग्रामीणों के सहयोग से विद्यालय भवन बनकर तैयार हो चला है. उन्होंने कहा कि विद्यालय भवन होने से सिस्टम संचालित करने में सुविधा होती है.

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