रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों से स्थानीय संस्कृति, सुरक्षा और रोजगार पर खतरा

रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों से स्थानीय संस्कृति, सुरक्षा और रोजगार पर खतरा

By SHAILESH AMBASHTHA | July 22, 2025 10:17 PM

भंडरा़ राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में झारखंड के जनजातीय समाज, पिछड़े वर्ग और आदिवासी क्षेत्रों से जुड़े अहम मुद्दों पर ऐतिहासिक विचार-विमर्श हुआ. इस अवसर पर भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा झारखंड प्रदेश के महामंत्री बिंदेश्वर उरांव के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से भेंट की. प्रतिनिधिमंडल ने सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले गरीब, असहाय, जनजातीय एवं पिछड़े वर्ग के लोगों की समस्याएं विस्तार से राष्ट्रपति के समक्ष रखीं. बताया गया कि जंगलों में रहने वाली कई जनजातियां आज भी सरकारी योजनाओं से वंचित हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधाओं का घोर अभाव है. स्थानीय युवाओं को रोजगार न मिलने से वे पलायन को मजबूर हैं. प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड में पेशा कानून शीघ्र लागू करने की मांग की. रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती उपस्थिति से स्थानीय संस्कृति, सुरक्षा और रोजगार पर खतरा बताया गया. पद्मश्री जमुना टुडू ने भी अपने विचार रखे. राष्ट्रपति मुर्मू ने सभी बातों को संवेदनशीलता से सुना. उन्होंने आश्वासन दिया कि झारखंड की पीड़ा को वह समझती हैं और आदिवासी समाज के हित में हर संभव प्रयास करेंगी. उन्होंने कहा, झारखंड मेरा अपना राज्य है, वहां की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना मेरा नैतिक कर्तव्य है.

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