झारखंड आंदोलनकारियों के मामले को लंबित रखना सरकार के लिए उचित नहीं : राजू महतो

झारखंड आंदोलनकारियों के मामले को लंबित रखना सरकार के लिए उचित नहीं : राजू महतो

By SHAILESH AMBASHTHA | October 29, 2025 8:36 PM

लोहरदगा़ झारखंड आंदोलनकारी महासभा के तत्वावधान व जिलाध्यक्ष अनिल कुमार भगत की अध्यक्षता में 11 सूत्री मांगों के समर्थन में समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया. धरना के बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम उपायुक्त डॉ ताराचंद को 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा. मौके पर केंद्रीय अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों से संबंधित मामलों को लंबित रखना राज्य सरकार के लिए उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलनकारियों से वार्ता करे और उनके लिए बनी नियमावली में संशोधन कर जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करे. श्री महतो ने यह भी मांग की कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन सहित झारखंड आंदोलन के सभी अमर सेनानियों को ‘झारखंड रत्न’ सम्मान दिया जाये. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के हितों की रक्षा के लिए राज्यव्यापी आंदोलन को और तेज किया जायेगा. झारखंड आंदोलनकारियों के त्याग और बलिदान की बदौलत ही राज्य का गठन संभव हुआ, लेकिन आज वही आंदोलनकारी हाशिए पर हैं. इसके लिए जनप्रतिनिधि और नेताओं की नीतियां जिम्मेदार हैं. कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यकारी अध्यक्ष अमर किँडो ने किया और धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष कृष्णा ठाकुर ने दिया. मौके पर कयूम खान, विनिता खलखो, विशेषण भगत, सीता उरांव, चैतू मुंडा, दिनेश साहू, आरीफ खान, रेहान खान, सुशीला लकड़ा, तारा मिंज, सूरज मोहन लकड़ा, शिवशंकर भगत, रंथू भगत, उज्जवल मिंज, भोला भगत, मंगलेश्वर उरांव, गंगा उरांव, असगर खान, राजेश कुमार भगत, शकुंतला कुमारी, सुशीला कुजूर और रामकिशोर उरांव समेत काफी संख्या में आंदोलनकारी शामिल हुए. मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम उपायुक्त को सौंपा गया 11 सूत्री मांग पत्र : मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम उपायुक्त को सौंपे गये मांगों में झारखंड आंदोलनकारी कल्याण बोर्ड का गठन करने, झारखंड आंदोलनकारी कॉरीडोर का निर्माण करने, झारखंड आंदोलन के अमर पुरोधाओं, गुरुजी शिबू सोरेन सहित सभी को झारखंड रत्न से सम्मानित करने, सभी चिह्नित आंदोलनकारियों को प्रमाण पत्र के साथ पहचान पत्र देने, जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी आंदोलनकारीयों को एक ही वर्ग मे रखने सहित अन्य मांगे शामिल है.

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