त्याग तथा बलिदान का त्योहार ईद उल अजहा संपन्न
प्रखंड क्षेत्र में त्याग और बलिदान का पर्व ईद-उल-अजहा (बकरीद) आपसी सौहार्द, शांति और भाईचारे के साथ मनाया गया.
कुड़ू. प्रखंड क्षेत्र में त्याग और बलिदान का पर्व ईद-उल-अजहा (बकरीद) आपसी सौहार्द, शांति और भाईचारे के साथ मनाया गया. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रखंड की विभिन्न मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा कर देश, समाज और क्षेत्र में अमन-चैन की दुआ की. त्योहार को लेकर कुड़ू प्रशासन पूरी तरह चौकस रहा. शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए क्यूआरटी टीम, मोटरसाइकिल दस्ता, दंडाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. सुबह सात बजे से ही कुड़ू जामा मस्जिद समेत प्रखंड के बारीडीह, चीरी, लावागांई, सिंजो, ककरगढ़, लापूर, मकांदू, हुरहद, सुंदरू और हमीदनगर की मस्जिदों व ईदगाहों में बकरीद की विशेष नमाज अदा की गयी. मौलाना अब्दुल हसीब कश्मी ने नमाज के बाद बकरीद के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पर्व हज़रत इब्राहिम की उस कुर्बानी की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने अल्लाह के हुक्म पर अपने पुत्र हज़रत इस्माइल की कुर्बानी देने का निश्चय किया. यह पर्व विश्वास, वफादारी और त्याग की मिसाल है. ईद के अवसर पर प्रभारी बीडीओ सह सीओ मधुश्री मिश्रा तथा थाना प्रभारी मनोज कुमार ने सुरक्षा का जायजा लिया. इससे पहले शुक्रवार की शाम फ्लैग मार्च निकालकर लोगों को सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी थी.
नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दी और आपसी प्रेम और सौहार्द का परिचय दिया।
कुड़ू प्रखंड में बकरीद का पर्व शांतिपूर्वक संपन्न हो गया, जो एकता और भाईचारे की मिसाल बना।
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