कृषि झारखंड की रीढ़, किसानों की स्थिति सुधारने को मिलकर करें काम
कृषि झारखंड की रीढ़, किसानों की स्थिति सुधारने को मिलकर करें काम
लोहरदगा़ कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड के निर्देश पर कृषि कार्यालय परिसर लोहरदगा में रबी कर्मशाला का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त डॉ ताराचंद ने कहा कि कृषि व संबद्ध विभागों के पदाधिकारी, बीटीएम / एटीएम को जमीनी स्तर पर जाकर कार्य करने की आवश्यकता है. किसानों को कृषि के दौरान बहुत सी मौसमी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिसका प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है. फसल में विभिन्न तरह के जीवाणु,कवक आदि का दुष्प्रभाव होता है जिससे पौधे बीमार हो जाते हैं. अगर आपकी पढ़ाई व अनुभव का लाभ सीधे किसान को मिले तो नयी क्रांति लायी जा सकती है. जरूरतमंद किसानों का क्लस्टर बनायें : लोहरदगा जिला में कई आदिम जनजातियां निवास करती हैं. कृषि विभाग ऐसे किसानों का क्लस्टर बनाये जिन्हें बिरसा फसल विस्तार या एनएफएसएम के तहत 100 प्रतिशत अनुदानित दर पर फसल बीज उपलब्ध कराया जा सके. किसानों के साथ समन्वय बहुत आवश्यक : लोहरदगा जिला को फसल उत्पादन में अग्रणी बनाया जा सकता है क्योंकि यहां की मिट्टी उपजाऊ है. किसानों के साथ समन्वय बहुत आवश्यक है. जिला का कृषि विभाग जिला को प्राप्त होने वाला फंड पूरा उपयोग करे तो यहां के किसानों की स्थिति बहुत अच्छी हो सकती है. किसानों के जरूरत की फसल बीज के अनुसार अपना प्लान विभाग को भेजें. कर्मशाला में जानकारी अपडेट हो : उपायुक्त ने कहा कि कर्मशाला में भाग लेने वालों की जानकारी कर्मशाला के माध्यम से अपडेट होनी चाहिए. कर्मशाला में सभी आपस में अनुभव साझा करें, नयी चीजों पर चर्चा करें. आज फसल में होने वाली बीमारियां भी नए स्वरूप में आ चुकी हैं, बीमारियों के शुरुआती लक्षण में भी बदलाव आए हैं जिसकी जानकारी पदाधिकारियों व किसानों दोनों को होनी चाहिए. कृषि झारखंड राज्य की रीढ़ : उपायुक्त ने कहा कि कृषि झारखंड राज्य की रीढ़ है. यहां के मूल निवासियों का कार्य खेती-किसानी है. सभी मिलकर कार्य करें तो कृषि में बड़ी क्रांति लायी जा सकती है. कार्यक्रम में जिला परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद उरांव, जिला कृषि पदाधिकारी कालेन खलखो, जिला सहकारिता पदाधिकारी विजय तिर्की, जिला उद्यान पदाधिकारी सौरभ लोहानी, डीडीएम नाबार्ड, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, सभी बीटीएम, एटीएम व काफी संख्या में प्रगतिशील किसान उपस्थित थे.
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