जेएसएलपीएस कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर जताया विरोध
जेएसएलपीएस कर्मियों ने लंबित विकास कार्यों को लेकर आंदोलन शुरू किया
जेएसएलपीएस कर्मियों ने लंबित विकास कार्यों को लेकर आंदोलन शुरू किया बरवाडीह. प्रखंड समेत पूरे जिले के झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ रांची के तत्वावधान में झारखंड राज्य आजीविका कर्मचारी संघ ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलन की शुरुआत कर दी है. इसकी जानकारी देते हुए प्रखंड कर्मी व संगठन के प्रमंडलीय सचिव अखिलेश कुमार सिंह के बताया कि संगठन के आह्वान व जेएसएलपीएस के शीर्ष नेतृत्व में 70 एवं स्तर-8 के कर्मियों ने नौ सितंबर से काला बिल्ला लगाकर काम करते हुए आंदोलन का आगाज किया. अपनी मांगों को लेकर आंदोलन का कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से तय किया गया है. जिसमें काला बिल्ला लगा कर विरोध के बाद 18–19 सितंबर को कलमबंद हड़ताल, 25 सितंबर को जिला स्तरीय धरना और सात–आठ अक्टूबर को रांची में मुख्यालय स्तरीय धरना प्रस्तावित है. वहीं 30–31 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे, जबकि मांगें पूरी नहीं होने पर छह नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सभी कर्मी चले जायेंगे. अखिलेश सिंह ने बताया कि उनकी मांगों में मुख्य रूप से जेएसएलपीएस कर्मियों को सोसाइटी एक्ट से हटाकर राज्य कर्मी का दर्जा देने, केंद्र सरकार की एनएमएमयू नीति को शीघ्र लागू करने, स्तर-7 एवं स्तर-8 कर्मियों को अनुभव व योग्यता के आधार पर पदोन्नति देने, राज्य कर्मियों की तरह वार्षिक वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ता जोड़ा जाए तथा लंबित वृद्धि का लाभ देंने, सभी कर्मियों की पदस्थापना गृह जिला अथवा नजदीकी प्रखंड में करना मुख्य रूप से शामिल है. श्री सिंह ने कहा कि सरकार लगातार ग्रामीण विकास और महिला सशक्तीकरण में लगे जेएसएलपीएस कर्मियों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारी आजीविका डगमगा रही है. जबकि हम सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य कर रहे हैं. आंदोलन में राजकुमार यादव समेत अन्य कर्मी शामिल थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
