बाबूलाल मरांडी ने EVM के साथ छेड़छाड़ की आशंका जतायी, प्रशासन की मंशा पर भी उठाया सवाल

।। संवाददाता राकेश सिन्हा ।। गिरिडीह : कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से झाविमो प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि कोडरमा प्रशासन की मंशा साफ नहीं है. एक साजिश के तहत कोडरमा जिला प्रशासन ने सतगावां प्रखंड के 59 बूथों पर हुए मतदान का ईवीएम रोक लिया है और सतगावां में ही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 6, 2019 10:44 PM

।। संवाददाता राकेश सिन्हा ।।

गिरिडीह : कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से झाविमो प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि कोडरमा प्रशासन की मंशा साफ नहीं है. एक साजिश के तहत कोडरमा जिला प्रशासन ने सतगावां प्रखंड के 59 बूथों पर हुए मतदान का ईवीएम रोक लिया है और सतगावां में ही बने चार कलस्टरों में उसे रखवाया गया है, यह संदेह उत्पन्न करता है.
अचानक पत्रकार सम्मेलन बुलाकर श्री मरांडी ने देर रात में कहा कि पुराने समय में ऐसा कभी नहीं हुआ है. कहा कि 2004, 2009 और 2014 में भी हुए लोकसभा चुनाव में कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के जितने भी बूथों पर मतदान हुए हैं, सभी का ईवीएम गिरिडीह वज्रगृह में लाकर सील किया गया है. लेकिन इस बार कोडरमा जिला में स्थित सतगावां प्रखंड के 59 बूथों का ईवीएम गिरिडीह में बने वज्र गृह में रखने के बजाय सतगावां में ही बने चार कलस्टरों में रखा गया है, जो चिंता का विषय है.

कहा कि यह भी संदेह की बात है कि एक कलस्टर में न रखकर चार कलस्टर में इधर-उधर ईवीएम को रखा गया है ताकि ईवीएम की निगरानी प्रत्याशी ठीक से न कर सके. उन्होंने कहा कि जब हजारीबाग जिला के इचाक से ईवीएम को गिरिडीह के वज्र गृह में लाया जा सकता है तो गिरिडीह से सटे सतगावां से ईवीएम को क्यों नहीं लाया जा सकता.

श्री मरांडी ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने चुनाव आयोग के वरीय अधिकारियों से बातचीत की है और एक आपत्ति पत्र भी चुनाव आयोग को भेजा जा रहा है. साथ ही कोडरमा लोकसभा के निर्वाची पदाधिकारी सह गिरिडीह जिला के उपायुक्त से भी इस संबंध में बातचीत की गयी है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की गहन जांच होनी चाहिए.

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