कोडरमा से जीते कई दिग्गज, नहीं बन सके कभी मंत्री

राकेश सिन्हा/सूरज सिन्हा,गिरिडीह कोडरमा संसदीय सीट : तीन बार कोडरमा के सांसद रहे बाबूलाल मरांडी केंद्र में मंत्री रहे, पर तब वह दुमका के सांसद थे अब तक कोडरमा से चुने गये सांसदों में से कोई भी केंद्र की सरकार में मंत्री नहीं बन सका है. वर्ष 1977 में चतरा से अलग होकर कोडरमा अलग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2019 8:06 AM
राकेश सिन्हा/सूरज सिन्हा,गिरिडीह
कोडरमा संसदीय सीट : तीन बार कोडरमा के सांसद रहे बाबूलाल मरांडी केंद्र में मंत्री रहे, पर तब वह दुमका के सांसद थे
अब तक कोडरमा से चुने गये सांसदों में से कोई भी केंद्र की सरकार में मंत्री नहीं बन सका है. वर्ष 1977 में चतरा से अलग होकर कोडरमा अलग संसदीय क्षेत्र बना था. 1952 से 1977 तक कोडरमा चतरा संसदीय हिस्सा था. मजेदार बात है कि तब भी किसी सांसद को केंद्र में मंत्री, राज्यमंत्री या उपमंत्री बनने का मौका नहीं मिला था.
वर्ष 1998 में चौथी बार सांसद बने रीतलाल प्रसाद वर्मा को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बनाये जाने की उम्मीद थी. लेकिन, 13 महीने की अटल सरकार में श्री वर्मा को मौका नहीं मिल सका. 1999 में हुए चुनाव में मामूली वोटों से श्री वर्मा हार गये. कांग्रेस पार्टी से तिलकधारी सिंह 1984 और 1999 में चुनाव जीत कर सांसद बने थे. 1984 में कांग्रेस के तिलकधारी सिंह रिकार्ड वोटों से चुनाव जीत कर पहली बार सांसद बने थे. 1999 में दूसरी बार जीते. दोनों ही बार केंद्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी. लेकिन, तिलकधारी सिंह को भी केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया.
कोडरमा से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी तीन बार चुनाव जीत कर संसद पहुंचे. मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद वह एक बार भाजपा, फिर निर्दलीय और बाद में झाविमो प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते. 1999 में श्री मरांडी भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे. केंद्र की एनडीए सरकार में वह वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री भी बने. लेकिन, उस समय श्री मरांडी दुमका से सांसद चुने गये थे. कोडरमा से सांसद बनने के बाद से वह कभी मंत्री नहीं बनाये गये.
कोडरमा से सबसे अधिक बार भाजपा ने जीत का परचम लहराया है. भाजपा प्रत्याशियों ने सात बार सीट जीती है. इसमें एक बार जनता पार्टी व छह बार भाजपा के रूप में पार्टी को जीत मिली है. दो बार कांग्रेस ने कोडरमा सीट जीती है. भाजपा के रीतलाल प्रसाद वर्मा ने सबसे अधिक पांच बार निर्वाचित हुए हैं. बाबूलाल मरांडी ने तीन बार जीत हासिल की है.
सांसद का नाम दल का नाम वर्ष
1. रीतलाल प्रसाद वर्मा जनता पार्टी 1977
2. रीतलाल प्रसाद वर्मा भाजपा 1980
3. तिलकधारी सिंह कांग्रेस 1984
4. रीतलाल प्रसाद वर्मा भाजपा 1989
5. मुमताज अंसारी जनता दल 1991
6. रीतलाल प्रसाद वर्मा भाजपा 1996
7. रीतलाल प्रसाद वर्मा भाजपा 1998
8. तिलकधारी सिंह कांग्रेस 1999
9. बाबूलाल मरांडी भाजपा 2004
10. बाबूलाल मरांडी निर्दलीय 2006
11. बाबूलाल मरांडी झाविमो 2009
12. रवींद्र कुमार राय भाजपा 2014