घने जंगलों से आस्था तक : झारखंड की पहचान है 16 भुजाओं वाली मां दिऊड़ी
प्राचीनकालीन सोलह भुजाओं वाली मां दिऊड़ी देवी का मंदिर आज हर किसी की जुबान पर है.
शुभम हल्दार, तमाड़ : झारखंड के रांची जिला के तमाड़ में स्थित प्राचीनकालीन सोलह भुजाओं वाली मां दिऊड़ी देवी का मंदिर आज हर किसी की जुबान पर है. मौका मिलते ही श्रद्धालु यहां पहुंच कर पूजा-अर्चना करते है. मान्यता है कि मां दिऊड़ी देवी अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं. यही कारण है कि झारखंड ही नहीं. बल्कि देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु यहां दर्शन-पूजन के लिए आते रहते हैं. इस मंदिर की विशेषता इसकी अद्भुत प्रतिमा है. यहां मां दुर्गा की साढ़े तीन फुट ऊंची 16 भुजाओं वाली प्रतिमा स्थापित है. जो इसे अन्य मंदिरों से अलग पहचान दिलाती है. आमतौर पर अन्य मंदिरों में मां की आठ या दस भुजाओं वाली प्रतिमा ही देखने को मिलती है. बताया जाता है कि यह मंदिर करीब 700 वर्ष प्राचीन है. जबकि इसका निर्माण 10वीं से 12वीं शताब्दी के बीच का माना जाता है. स्थानीय पुजारी के अनुसार, इस मंदिर के निर्माण को किसी ने होते हुए नहीं देखा. कथा है कि एक भक्त को स्वप्न में मां ने दर्शन देकर मंदिर के स्थान का संकेत दिया. अगले दिन उसने जंगल में खोज शुरू की और घने वन क्षेत्र के बीच मंदिर को खोज निकाला. बाद में ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी गयी. आज यह मंदिर रांची ही नहीं, पूरे झारखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान बन चुका है.
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