जैन श्रद्धालुओं ने उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का किया पालन
मिहिजाम. दसलक्षण पर्व के अंतिम दसवें दिन जैन धर्मावलंबियों ने उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का पालन किया.
मिहिजाम. दसलक्षण पर्व के अंतिम दसवें दिन जैन धर्मावलंबियों ने उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का पालन किया. अनंत चतुर्दशी पर जैन धर्म के 17 तीर्थंकर बासुपूज्य भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया. नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर से पालकी में सवार बासुसुपूज्य भगवान की प्रतिमा नगर भ्रमण पर निकले. इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. मंदिर परिसर से जुलूस की शक्ल में पालकी पर सवार भगवान की प्रतिमा को कंधे में लेकर श्रद्धालु भगवान का जयकारे लगाते आगे बढ़ रहे थे. इससे पूर्व मंदिर में अहले सुबह भगवान की प्रतिमा का जलाभिषेक व आरती की गयी. जैन श्रद्धालुओं ने बताया कि दसलक्षण पर्व के अंतिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का पालन किया गया. उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होती है. दसलक्षण पर्व पर मनुष्य दस धर्म को अपना कर आत्मकल्याण का मार्ग प्रशस्त करके अमर पद निर्वाण की प्राप्ति कर सकता है. बताया कि जैन समाज के चार उपवासकर्ता विकास छाबड़ा, सुमित कासलीवाल, अभिषेक काला, मासूम छाबड़ा जिन्होंने दस दिनों तक निर्जल उपवास का पालन किया है. उन्हें रविवार को जैन समाज की ओर से सम्मानित किया जायेगा.
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