सुरक्षा गार्ड व रात्रि प्रहरी नहीं होने के कारण सरकारी संपत्ति का हो रहा दुरुपयोग

पुराने और जर्जर भवनों में लगे खिड़की-दरवाजे को लोगों ने उखाड़ लिया और अपने घर को ले गए.

By JIYARAM MURMU | September 4, 2025 8:41 PM

नारायणपुर. प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर की संपत्ति आम लोगों के लिए लूट का सबसे सरल मार्ग हो गया है. परिसर में लगे कीमती और इमारती लकड़ी वाले कई पेड़ सूख गए, जिसकाे आसपास के लोग टुकड़े-टुकड़े कर ईंधन के लिए अपने घर को ले गए. पुराने और जर्जर भवनों में लगे खिड़की-दरवाजे को लोगों ने उखाड़ लिया और अपने घर को ले गए. इतना ही नहीं प्रखंड परिसर की हरियाली अब धीरे-धीरे मालिन हो रही है. इसका मुख्य कारण है कि पशुपालक अपने पशुओं के लिए हरा-भरा चारा के रूप में प्रखंड कार्यालय परिसर में लगे कटहल, आम जैसे फलदार पेड़ की टहनियों को पत्तों के लिए तोड़ रहे हैं, जिससे पेड़ टहनी और पत्ताविहीन होते जा रहा है. एक समय था जब प्रखंड परिसर की हरियाली की चर्चा चारों तरफ होती थी, लेकिन अब यह धीरे-धीरे खत्म होते जा रहा है. यह काम अहले सुबह से लेकर देर शाम तक होता है, लेकिन इसकी देखभाल करने के लिए ना तो किसी पदाधिकारी को समय है ना ही किसी कर्मी को. कई पदाधिकारी और कर्मियों का आवासन भी इसी परिसर में होता है, लेकिन प्रखंड परिसर की उजड़ती हुई हरियाली पर सभी मौन और चुप्पी साधे हुए हैं. आज से कुछ वर्ष पूर्व प्रखंड परिसर में रात्रि गार्ड भी रहते थे. तब इसकी सुरक्षा चाक-चौबंद होती थी, लेकिन अब ना तो दिन में गार्ड है और ना ही रात में. खंडहर होती प्रखंड के भवनों में आवारा पशुओं के साथ-साथ शराबियों और नशेड़ियों का भी जमावड़ा होता है. प्रखंड परिसर के अलग-अलग हिस्से में शराब, सिगरेट और अन्य नशीली पदार्थ की खाली बोतल और पैकेट जहां-तहां फेंके हुए हैं. इसी परिसर के अंदर आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्र, पशुपालन और शिक्षा विभाग जैसे कार्यालय हैं, लेकिन प्रखंड परिसर की सुरक्षा का ख्याल किसी को नहीं है. सरकारी संपत्ति के लूट के साथ-साथ हरे-भरे पेड़ों को भी आए दिन नुकसान हो रहा है. वह दिन दूर नहीं है जब हरियाली वाला यह प्रखंड वीरान-सा लगने लगेगा. लोगों ने जिला प्रशासन से प्रखंड परिसर में सुरक्षा के मध्य नजर गार्ड मुहैया कराने की अपील की है, ताकि इसकी सुरक्षा बनी रहे और पेड़ों की हरियाली के साथ सरकारी संपत्ति का भी नुकसान होने से बचाया जा सके.

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