पंचतत्व में विलीन हुए शहीद प्रमोद कुमार, 6 साल की बेटी ने दी मुखाग्नि

रांची/जामताड़ा : स्वतंत्रता दिवस के दिन कश्‍मीर में शहीद हुए झारखंड के जामताड़ा के शहीद सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद कुमार पंचतत्व में विलीन हो गये. उनकी 6 साल की बेटी अरना ने उन्हें मुखाग्नि दी. शहीद प्रमोद कुमार का शव आज झारखंड के जामताड़ा के मिहीजाम लाया गया. शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके आवास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2016 9:45 AM

रांची/जामताड़ा : स्वतंत्रता दिवस के दिन कश्‍मीर में शहीद हुए झारखंड के जामताड़ा के शहीद सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद कुमार पंचतत्व में विलीन हो गये. उनकी 6 साल की बेटी अरना ने उन्हें मुखाग्नि दी. शहीद प्रमोद कुमार का शव आज झारखंड के जामताड़ा के मिहीजाम लाया गया. शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके आवास पर जनसैलाब उमड़ पड़ा, भीड़ ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए. झारखंड सरकार ने कृषि मंत्री रणधीर सिंह को श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के लिए अधिकृत किया था. वहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद के अंतिम संस्कार में सीआरपीएफ के डीजी भी मौजूद थे. प्रमोद कुमार ने उस दिन शहादत दी, जिस दिन देश 70वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा था.

संकल्प के धनी व राष्ट्र सेवा को लेकर पल-प्रतिपल समर्पित प्रमोद कुमार कल सुबह स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए थे और अपने साथी जवानों को देश की चुनौतियों व सुरक्षा के प्रति आगाह किया था. उनका वह वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह यह कहते दिख रहे हैं कि आतंकवाद हमारे लिए बड़ी चुनौती है, साथ ही वह यह कहते भी दिख रहे हैं कि यहां आतंकवाद के साथ पत्थरबाज भी हैं. उन्होंने 8.29 बजे सुबह झंडोतोलन किया था और उसके बाद अपने साथी जवानों को संबोधित किया था, जबकि सुबह 9.29 बजे उनकी आतंकियों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गयी.

शहीद कमांडेंट का जन्म बिहार के बख्तियारपुर में 15 अक्तूबर 1972 को हुआ था और उनका लालन-पालन जामताड़ा में हुआ, जहां उनके पिता रेलवे में सेवारत थे. उनका परिवार जामताड़ा में ही रहता है.झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवरदास ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया है.उनके परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी व 6 साल की एक बेटी है.


एसपीजी में भी रह चुके थे प्रमोद

शहीद प्रमोद एक जनवरी 1998 को सीआरपीएफ में शामिल हुए और पिछले साल उन्हें उनके शानदार कार्यों के कारण कमांडेंट के रूप में प्रमोशन मिला था. वे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भी तैनात रह चुके थे. वे प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के सदस्य रह चुके थे.


शहीद होने से पहले प्रमोद ने दो आतंकियों को किया ढेर

कल सुबह स्वतंत्रता दिवस पर आतंकिया ने श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में हमला किया. वहां सीआरपीएफ से उनकी मुठभेड़ हुई. सुरक्षाबलों की कार्रवाई में पांच आतंकवादी मारे गये, जिसमें दो को अकेले प्रमोद कुमार ने ढेर किया. उसके बाद उन्हें आतंकी की गोली लग गयी और उन्हें बचाया नहीं जा सका.