शिबू सोरेन के सांसद मद से स्वीकृत 35 योजनाएं नारायणपुर में लटकीं
शिबू सोरेन के सांसद मद से स्वीकृत 35 योजनाएं नारायणपुर में लटकीं
पंचायत सचिवों की सुस्ती से विकास योजनाओं पर मंडराया संकट प्रतिनिधि, नारायणपुर. प्रखंड कार्यालय के पंचायत सचिवों की कार्यशैली हमेशा चर्चा में रहती है. इस बार पंचायत सचिव के ढुलमुल रवैये के कारण दिवंगत दिशोम गुरु की ओर से चयनित विकास योजनाओं पर प्रभाव पड़ रहा है. दरअसल, पूरा मामला यह है कि दिवंगत राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्यसभा मद से जामताड़ा जिले को 112 योजनाओं की स्वीकृति दी थी. इनमें नारायणपुर प्रखंड को 35 से अधिक योजनाएं शामिल हैं. विभाग इन योजनाओं के क्रियान्वयन से पूर्व यह सुनिश्चित कर लेना चाह रहा है कि जिन स्थानों पर योजना की स्वीकृति दी गई है, वहां विगत पांच वर्षों में किसी भी मद से कोई योजना तो नहीं हुई है. इस बाबत जिला ग्रामीण विकास शाखा जामताड़ा की ओर से पत्र निर्गत किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि संबंधित पंचायत सचिव संलग्न सूची के अनुसार योजनाओं की पंजी से मिलान करते हुए विगत पांच वर्षों में मनरेगा समेत अन्य मदों से कार्य नहीं होने संबंधी प्रतिवेदन शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे. इस संबंध में बीडीओ ने बीएओ के माध्यम से संबंधित पंचायत सचिव को एक अगस्त को पत्र दिया है, जबकि रिमाइंडर पत्र आठ अगस्त को भी दिया गया है. लेकिन केवल रूपडीह और मंझलाडीह पंचायत के अलावा किसी अन्य पंचायत से यह रिपोर्ट अभी तक कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है. जिन पंचायतों को रिपोर्ट देनी है, उनमें नावाडीह, चंदाड़ीह-लखनपुर, दिघारी, डाभाकेंद्र, झिलुवा, मंझलाडीह, नयाडीह, बांकुडीह, पोस्ता, सबनपुर, रूपडीह, चंपापुर, बंदरचुंवा, बूटबेरिया, मदनाडीह, देवलबाड़ी, कुरता शामिल हैं. अब रिपोर्ट में जैसे-जैसे देरी हो रही है, योजनाओं के क्रियान्वयन में भी वैसे-वैसे समय लग रहा है. लोगों के बीच चर्चा है कि पंचायत सचिव पंचायत में या तो रहते ही नहीं हैं या बहुत कम समय के लिए रहते हैं, जिस कारण उन्हें रिपोर्ट देने में परेशानी हो रही है. जबकि पंचायत भवन में आवासन की सुविधा भी उपलब्ध है, इसके बावजूद पंचायत में रहने की आवश्यकता महसूस नहीं कर रहे हैं. अधिकांश पंचायत सचिव जामताड़ा में रह कर ही आवागमन करते हैं. – क्या कहते हैं बीएओ राज्यसभा सांसद रहे दिवंगत शिबू सोरेन के मद से नारायणपुर प्रखंड में पंचायतवार योजनाएं चयनित हुईं हैं. क्रियान्वयन से पूर्व योजना स्थल का भौतिक सत्यापन करना है. यह कार्य संबंधित पंचायत सचिव को सौंपा गया है. दो बार रिमाइंडर लेटर देने के बाद भी अभी तक रिपोर्ट नहीं मिलना काफी चिंताजनक है. वरीय पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी जायेगी. – परेश चंद्र दास, बीएओ, नारायणपुर
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