Jamshedpur News : आदिवासी उरांव समाज ने पूर्वजों को किया याद
Jamshedpur News : भुइयांडीह के बाबूडीह स्थित आदिवासी श्मशान घाट में रविवार को उरांव समाज द्वारा अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पारंपरिक हाड़बोड़ी कार्यक्रम का आयोजन किया.
रविवार की दोपहर बाबूडीह श्मशान में एकत्रित होकर सामूहिक रूप से पूर्वजों की पूजा-अर्चना की और पारंपरिक पकवान अर्पित किया
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भुइयांडीह के बाबूडीह स्थित आदिवासी श्मशान घाट में रविवार को उरांव समाज द्वारा अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पारंपरिक हाड़बोड़ी कार्यक्रम का आयोजन किया. इसकी अगुवाई आदिवासी उरांव समाज सीतारामडेरा व बिरसानगर ने संयुक्त रूप से किया. आदिवासी उरांव समाज के लोगों ने दोपहर में सपरिवार पारंपरिक पकवानों के साथ श्मशान घाट पहुंचे. उन्होंने सर्वप्रथम अपने पूर्वजों के नाम धूप दीप चलाया और उन्हें स्मरण कर उनका आभार जताया. पारंपरिक रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना कर सदा परिवार पर कृपा दृष्टि को बनाये रखने का आशीष मांगा. इसके बाद घर से पकाकर लाये गये पकवान उन्हें अर्पित किया.हाड़बोड़ी पूर्वजों को स्मरण करने की परंपरा
आदिवासी उरांव समाज समिति के राकेश उरांव ने बताया कि हाड़बोड़ी अपने पूर्वजों को स्मरण करने की परंपरा है. साथ ही यह अपने समाज, संस्कृति व अन्य गतिविधियों से सीधे जुड़ने व उनके अस्तित्व को बचाये रखने का भी एक सशक्त माध्यम है. आज समाज के समस्त लोगों ने अपने पूर्वजों को सामूहिक रूप से याद किया और ईश्वर से भी प्रार्थना किया कि हमारे पूर्वजाें को अपने शरण में अमन-चैन व सुख-शांति से रखें. इस कार्यक्रम में रामू तिर्की, बुधराम खलखो, राकेश उरांव, गंगाराम तिर्की, अनूप टोप्पो, खुदू उरांव, किशोर लकड़ा, गणेश कुजूर, बबलू खलखो, राजन कुजूर, सोमा कोया, जितेन मिंज, अमरदीप तिर्की, कमल कोया, बिरसा तिर्की समेत अन्य लोग मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
