Jamshedpur News : हिंदी लोगों को जागरूक करने का सबसे सशक्त माध्यम : एसएसपी
Jamshedpur News : आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय में नौवां अंतरराष्ट्रीय तीन दिवसीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव गुरुवार को रोचक रहा.
”प्रशासनिक कार्यों में हिंदी की प्रासंगिकता और प्रभाव” पर हुई चर्चा
श्रीनाथ विश्वविद्यालय के नौवां अंतरराष्ट्रीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव का समापन
Jamshedpur News :
आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय में नौवां अंतरराष्ट्रीय तीन दिवसीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव गुरुवार को रोचक रहा. महोत्सव के दूसरे दिन चिंतन-मनन सत्र में ”प्रशासनिक कार्यों में हिंदी की प्रासंगिकता और प्रभाव” विषय पर चर्चाएं की गयी. चिंतन-मनन सत्र में पूर्वी सिंहभूम के एसएसपी पीयूष पांडेय, कर्नल विनय आहूजा, कमांडिंग ऑफिसर, 37 बटालियन एनसीसी तथा सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता संस्कृति मिश्रा उपस्थित रहीं. चिंतन-मनन सत्र की समन्वयक सहायक प्राध्यापक रचना रश्मि और शिवांगी रहीं. इस अवसर पर एसएसपी पीयूष पांडेय, ने कहा कि अपराध नियंत्रण में जागरुकता सबसे प्रभावी हथियार है और लोगों को जागरूक करने का सबसे सशक्त माध्यम हिंदी है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि साइबर क्राइम और डिजिटल अरेस्ट जैसे जटिल और नये शब्दों को जब हिंदी में सरल ढंग से समझाया जाता है, तो आम जनता उन्हें बेहतर तरीके से समझ पाती है और भ्रम का शिकार नहीं होती.स्कूल स्तर पर हिंदी शिक्षण को मजबूत करने की जरूरत : कर्नल विनय आहूजा
कर्नल विनय आहूजा ने कहा कि एनसीसी जैसे संगठनों में युवा वर्ग सीधे जुड़े होते हैं. एनसीसी के प्रशिक्षण में हिंदी का व्यापक प्रयोग किया जाता है और भारतीय सेना में भी अधिकांश आदेश हिंदी में ही दिये जाते हैं. इससे अनुशासन, एकरूपता और भावनात्मक जुड़ाव मजबूत होता है तथा जवानों और कैडेट्स में स्पष्ट संप्रेषण सुनिश्चित होता है. हिंदी प्रेरणा और राष्ट्रबोध का सशक्त माध्यम बनती है. भविष्य में प्रशासनिक एवं रक्षा संस्थानों में हिंदी को और अधिक प्रभावी कार्यभाषा बनाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत शिक्षा व्यवस्था से होनी चाहिए. स्कूल स्तर पर हिंदी शिक्षण को मजबूत किया जाये और कक्षा 12वीं तक हिंदी को अनिवार्य रखने पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए. न्यायिक व्यवस्था में हिंदी की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता संस्कृति मिश्रा ने कहा कि ई-कोर्ट और ऑनलाइन याचिकाएं जैसी व्यवस्थाओं में अभी भी अंग्रेजी का वर्चस्व बना हुआ है. श्रीनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ एसएन सिंह ने कहा कि श्रीनाथ विश्वविद्यालय के द्वारा जो हिंदी भाषा को लेकर प्रयास किया जा रहा है, वह निश्चित तौर पर प्रशंसनीय है.ये प्रतियोगिताएं हुई आयोजित
विद्यार्थियों के लिए सांस्कृतिक, विज्ञान और तकनीक से जुड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी. जिसमें रेडियो श्रीनाथ (अंतिम चरण), हिंदी टाइपिंग, वाक्य वीर, नृत्य नाटिका, लघु नाटिका, (प्रथम चरण) स्टार्टअप श्रीनाथ, प्रकरण अध्ययन, साहित्य के नौ रस (रंगोली), प्रश्नोत्तरी (अंतिम चरण), रील्स संचार रहा.
आज की प्रतियोगिताओं के निर्णायक के रूप में वर्षा सिंह, प्रिया कुमारी, सागर चन्ना, अमरनाथ, प्रमोद कुमार सिंह, आर जे अभय, आर जे मनोज, हरिपदो मुखी, अनूप कुमार सिंह, रामचंद्र मार्डी, मोहम्मद आमिर, अभिषेक गौतम, डॉ मनिला कुमारी, प्रिय रंजन शामिल हुए.प्रतियोगिता में शामिल हुए इन कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रतिभागी
साईं विश्वविद्यालय, कॉलेज ऑफ नर्सिंग (टीएमएच), डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन, महिला कॉलेज चाईबासा, जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज, मॉडल महाविद्यालय सरायकेला, पटमदा डिग्री कॉलेज जल्ला, मधुसूदन टीचर ट्रेनिंग कॉलेज चक्रधरपुर, केएमपीएम कॉलेज जमशेदपुर, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, स्वामी विवेकानंद कॉलेज सालबनी आदि महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के प्रतिभागी शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
