दूर-दराज के गांव के लोगों को ‘सरकार’ के करीब लाने की हो रही अभिनव पहल

Gram Panchayat Help Desk: टीएसआरडी द्वारा इन हेल्प डेस्क का संचालन मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के माध्यम से ‘महिला सशक्तिकरण’ कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है. कॉमन ग्राउंड पार्टनर ‘प्रोफेशनल असिस्टेंस फॉर डेवलपमेंट एक्शन’ (प्रदान) ने व्यापक सामाजिक कल्याण पर केंद्रित एक मॉडल के तहत फील्ड-बिल्डिंग विशेषज्ञता के साथ इस पहल का समर्थन किया है.

By Mithilesh Jha | September 4, 2025 10:21 PM

Gram Panchayat Help Desk: झारखंड के दूर-दराज के गांवों में रहने वाले जनजातीय समुदाय के लोगों को ‘सरकार’ के करीब लाने की अनूठी पहल की जा रही है. इसका उद्देश्य लोगों को सरकारी योजना से जोड़ना और उनको अधिकार दिलाना है. ‘ग्राम पंचायत हेल्प डेस्क’ (जीपीएचडी) के रूप में यह पहल शुरू हुई है. जनजातीय कार्य मंत्रालय की राष्ट्रव्यापी पहल ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के लक्ष्य को पूरा करने में भी यह मददगार साबित हो सकता है. झारखंड के सिर्फ पूर्वी सिंहभूम जिले में अब तक 35 जीपीएचडी काम करना शुरू कर चुके हैं.

  • झारखंड में जनजातियों को हकदारी के साथ ‘सरकार’ के करीब ला रही है जीपीएचडी
  • ग्राम पंचायत हेल्प डेस्क का संचालन ‘टैगोर सोसाइटी फॉर रूरल डेवलपमेंट’ कर रही है
  • पूर्वी सिंहभूम में महिला सशक्तिकरण के तहत मनरेगा के माध्यम से 35 जीपीएचडी संचालित

टीएसआरडी की ओर से तीन प्रखंडों में संचालित हो रहा ग्राम पंचायत हेल्प डेस्क

‘टैगोर सोसाइटी फॉर रूरल डेवलपमेंट’ (टीएसआरडी) की ओर से ये जीपीएचडी पटमदा, बोराम और गुड़ाबांधा प्रखंड में संचालित हो रहे हैं. यह ‘कॉमन ग्राउंड इनीशिएटिव’ का सहयोगी संगठन है. टीएसआरडी द्वारा इन हेल्प डेस्क का संचालन मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के माध्यम से ‘महिला सशक्तिकरण’ कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है. कॉमन ग्राउंड पार्टनर ‘प्रोफेशनल असिस्टेंस फॉर डेवलपमेंट एक्शन’ (प्रदान) ने व्यापक सामाजिक कल्याण पर केंद्रित एक मॉडल के तहत फील्ड-बिल्डिंग विशेषज्ञता के साथ इस पहल का समर्थन किया है.

ग्राम पंचायत हेल्प डेस्क का उद्घाटन करती अतिथि.

हर डेस्क पर एक स्थानीय सहायक की तैनाती

टीएसआरडी के संयुक्त सचिव नंदलाल बख्शी ने बताया कि जीपीएचडी में प्रत्येक डेस्क पर एक स्थानीय सहायक तैनात होता है. वह सहायक स्थानीय समुदाय के सदस्यों को जॉब कार्ड, मजदूरी भुगतान, पेंशन, आवास आदि दिलाने में सहायता करता है. अब लोगों को आधार कार्ड के विवरण में सुधार या मनरेगा मज़दूरी का हिसाब-किताब रखने जैसी बुनियादी सेवाओं के लिए किसी को पैसे नहीं देने पड़ते. इससे पैसे और समय दोनों की बचत हो रही है.

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एसएचजी की महिलाएं और प्रशिक्षण महिला सहायक करती हैं हेल्प डेस्क में काम

जीपीएचडी विशेष रूप से स्थानीय स्वयंसहायता समूहों (एसएचजी) की सदस्य एवं प्रशिक्षित महिला सहायकों द्वारा संचालित है. यह ‘हेल्प डेस्क’ मनरेगा, पेंशन, आवास और अन्य कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी और सहायता तक ग्रामीणों, खासकर महिलाओं की पहुंच सुनिश्चित करने का प्रभावी माध्यम बन रहा है. इससे सरकारी योजना सही ढंग से संचालित हो रही है.

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Gram Panchayat Help Desk: 4246 पंचायतों में जीपीएचडी अनिवार्य

हेल्प डेस्क की क्षमता को पहचानते हुए, झारखंड सरकार ने जनवरी-2024 में एक राज्यव्यापी निर्देश जारी किया. इसके माध्यम से सभी 4,246 पंचायतों में जीपीएचडी अनिवार्य कर दिया गया. इससे उत्साहित होकर पूर्वी सिंहभूम की प्रखंड विकास अधिकारी शशि डुंगडुंग कहती हैं, ‘यह तो बस शुरुआत है. इन हेल्प डेस्कों से लोगों को सचमुच लाभ मिलने की पूरी संभावना है. हम बेहतर शिकायत निवारण, ज्यादा सामुदायिक भागीदारी और अधिक संवेदनशील शासन ढांचा उभरता हुआ देख रहे हैं.’

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