Jharkhand : PDS सिस्टम में DBT फेल, व्यवस्था वापस लेगी रघुवर सरकार

जमशेदपुर : जनवितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न वितरण में डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) पर राज्य सरकार यू-टर्न लेने वाली है. इस सिस्टम को वापस लेकर पुराने तरीके से ही राशन लोगों को उपलब्ध करायेगी. इसके तहत राज्य सरकार ने जो समीक्षा की है, उसमेंदेखा गया है कि भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा अधिनियम और डायरेक्टर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 19, 2018 10:51 AM

जमशेदपुर : जनवितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न वितरण में डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) पर राज्य सरकार यू-टर्न लेने वाली है. इस सिस्टम को वापस लेकर पुराने तरीके से ही राशन लोगों को उपलब्ध करायेगी. इसके तहत राज्य सरकार ने जो समीक्षा की है, उसमेंदेखा गया है कि भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा अधिनियम और डायरेक्टर बेनीफिट ट्रांसफर के तहत खाद्यान्न वितरण के नियमों में विरोधाभाष है. इतना ही नहीं, भारत सरकार ने यह भी कहा था कि अगर यह सिस्टम ठीक नहीं है, तो गैस सिलिंडर देने में हो रहे डीबीटी नियमों का अनुपालन किया जाये, लेकिनउस सिस्टम को भी धरातल पर उतारने में दिक्कत होगी. खाद्य आपूर्ति विभाग ने भारत सरकार को भी इन चीजों से अवगत करा दिया है.

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ज्ञात हो कि झारखंड की राजधानी रांची के पास नगड़ी में चार अक्तूबर को राशनिंग में डीबीटी की शुरुआत की गयी थी. मुख्यमंत्री रघुवर दास, मंत्री सरयू राय समेत तमाम लोगों की मौजूदगी में इसकी शुरुआत की गयी थी, लेकिन इसका फायदा लोगों तक नहीं पहुंचा, जिसका बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया. इसको लागू करने में भारत सरकार के गाइडलाइन में बदलाव करते हुए राज्य सरकार ने अनाज के अभाव में किसी की मौत नहीं हो, इसके लिए लोगों को एडवांस में राशि भेजी, ताकि लोग सीधे तौर पर लाभान्वित हो सकें. 35 किलो अनाज का दाम लोगों के खाते में भेजा जाने लगा.

नियम बनाया गया कि पैसे लाभुक के बैंक खाते में भेजे जायेंगे और लाभुक राशन की सरकारी दुकान से ही पूरा भुगतान कर राशन खरीदेंगे. पहले और दूसरे महीने में ही यह सिस्टम फेल हो गया. इसके तहत पब्लिक फाइनांस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के तहत कैश (नकद) का ट्रांसफर किया जाना था. पीएफएमएस और एनआइसी के बीच तालमेल बनाकर पैसे को जिला राशनिंग पदाधिकारी द्वारा भेजा जाना था, लेकिन पीएफएमएस, एनआइसी और बैंक में तालमेल नहीं हो पाया.

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एक और परेशानी यह हुई कि कई लाभुकोंके दो-तीन बैंक एकाउंट थे.फलस्वरूप कैश ट्रांसफर का उन्हें एसएमएस अलर्ट नहीं मिल पाता था. लाभुक पैसे निकालने बैंक जाते थे, तो कभी नेटवर्क की दिक्कत रहती थी, तो कभी कुछ और. बाद में जब इन विसंगतियों को लेकर भारत सरकार से पत्राचार हुआ, तो पहले योजना के तहत गैस की तरह की सब्सिडी देने की सलाह दी गयी, लेकिन इसमें दिक्कत थी. इस मामले को लेकर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज ने भी कड़ी आपत्ति जतायी थी. इसके बाद सारी विसंगतियों को लेकर भारत सरकार को रिपोर्ट भेज दी गयी है. अब फैसला लिया जा रहा है कि डीबीटी सिस्टम को तत्काल से बंद कर पुराने सिस्टम से ही लोगों को राशन दिया जाये.

विधि विभाग से रायशुमारी करने के बाद भारत सरकार को भेजा गया पत्र

राज्य के खाद्य आपूर्ति विभाग ने इस मसले को लेकर राज्य के विधि विभाग से सलाह ली थी. सलाह के आधार पर भारत सरकार को पत्र भेजा गया है. विधि विभाग ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के साथ विरोधाभाषी है. ऐसे में डीबीटी सिस्टम को लागू करने से भुखमरी का खतरा है.

डीबीटी सिस्टम को चला पाना मुश्किल : सरयू राय

राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि डीबीटी सिस्टम को चला पाना मुश्किल है. इसको लेकर विधि विभाग के साथ रायशुमारी लेकर भारत सरकार के पास पत्राचार किया जा रहा है.

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