प्रसव के दौरान महिला की मौत, परिजनों ने क्लिनिक संचालक पर लगाया लापरवाही का आरोप

प्रखंड के ग्राम पंचायत करमा निवासी मंजू देवी (21 वर्ष) पति मोहन रविदास उर्फ गोपाल की शुक्रवार को प्रसव के दौरान एक निजी क्लिनिक में मौत हो गयी. घटना की सूचना पाते मंजू के मायके वालों ने क्लिनिक के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. परिजन क्लिनिक संचालक पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. सूचना पाते ही बीडीओ अमित कुमार श्रीवास्तव, सीओ नितिन शिवम गुप्ता एवं थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर स्तिथि काबू में किया. पुलिस ने मृतका मंजू का शव अपने कब्जे में कर थाना ले आयी.

By AmleshNandan Sinha | April 24, 2020 7:56 PM

चौपारण : प्रखंड के ग्राम पंचायत करमा निवासी मंजू देवी (21 वर्ष) पति मोहन रविदास उर्फ गोपाल की शुक्रवार को प्रसव के दौरान एक निजी क्लिनिक में मौत हो गयी. घटना की सूचना पाते मंजू के मायके वालों ने क्लिनिक के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. परिजन क्लिनिक संचालक पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. सूचना पाते ही बीडीओ अमित कुमार श्रीवास्तव, सीओ नितिन शिवम गुप्ता एवं थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर स्तिथि काबू में किया. पुलिस ने मृतका मंजू का शव अपने कब्जे में कर थाना ले आयी.

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क्या है मामला : हमारे संवाददाता अजय ठाकुर को परिजनों ने बताया कि गर्भवती मंजू के परिजनों ने प्रसव के लिए उन्हें 23 अप्रैल की मध्य रात्रि सामुदायिक अस्पताल में भरती कराया. जहां से इलाज के बाद स्थिति बिगड़ती देख डॉ सरवर हसन ने महिला को प्रसव के लिए हजारीबाग सदर अस्पताल रेफर कर दिया. परिजन मंजू को लेकर सदर अस्पताल नहीं गये और एक निजी क्लिनिक में प्रसव के लिए भरती करा दिया. जहां इलाज शुरू होने से पहले ही मंजू की स्थिति बिगड़ने लगी और देखते ही देखते महिला की मौत हो गयी.

परिजनों ने क्लीनिक के संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मृतका मंजू के भाई आशीष कुमार दास ने कहा कि जब मंजू को सदर अस्पताल के लिए रेफर किया गया था तो निजी क्लिनिक के संचालक सब कुछ जानते हुए मंजू को अपने क्लिनिक में भरती क्यों किया. मंजू के प्रसव में भी क्लिनिक संचालक द्वारा लापरवाही बरती गयी. जिसके कारण उसके पेट मे पल रहे बच्चे और मंजू की मौत हो गयी. परिजनों ने प्रसव के पूर्व क्लिनिक संचालक पर 20,000 रुपये जमा कराने का भी आरोप लगाया है.

मृत पत्नी का अंतिम दर्शन भी नहीं कर सका पति : मंजू के पति मोहन रविदास उर्फ गोपाल रोजी-रोटी के लिए मुंबई कमाने गये थे. लॉकडाउन के कारण वह घर भी नहीं आ सके हैं. इस वजह से वह अपनी पत्नी के मौत के बाद अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाये हैं. मंजू के भाई आशीष ने बताया कि मंजू की शादी मोहन रविदास के साथ 24 अप्रैल 2019 को ही हुई थी. मंजू का आज के दिन शादी का सालगिरह था. मंजू अपने पिता की इकलौती बेटी थी. मंजू के मौत की खबर सुनकर मायके वालों का रो-रोकर बुरा हाल था.

क्या कहते हैं क्लिनिक के संचालक : क्लिनिक के संचालक चमन गुप्ता ने कहा जिस समय प्रसव के लिए महिला को लाया गया था. महिला काफी गंभीर स्थिति में थी. डॉक्टर और क्लिनिक कर्मी उस समय दूसरे पेसेंट के सिजेरियन की तैयारी कर रह रहे थे. महिला की हालत देखकर चिकित्सक ने उसे बाहर ले जाने की बात कही थी. परिजनों के आग्रह पर चिकित्सक ने देखा तो महिला की छाती में पूरा कफ भरा हुआ था और खांस रही थी. वहीं संचालक चमन ने कहा कि परिजनों द्वारा पैसे लेने का आरोप गलत है. पुलिस मामले का जांच कर रही है.

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