NTPC को बादम कोल प्रोजेक्ट के लिए जमीन देने के फैसले से ग्रामीण नाराज, मुख्यमंत्री का पुतला फूंका
Villagers Burnt Jharkhand CM Effigy: झारखंड सरकार की ओर से बादम कोल प्रोजेक्ट के लिए एनटीपीसी को 30 साल तक जमीन लीज पर देने के फैसले से बड़कागांव प्रखंड के लोग नाराज हैं. गुस्साये लोगों ने बादम बस स्टैंड के पास मुख्यमंत्री का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. सरकार से कहा कि जनता के वोट से सरकार बनती है, कोयला कंपनियों से नहीं.
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Villagers Burnt Jharkhand CM Effigy: हजारीबाग जिले के बड़कागांव में बादम कोयला परियोजना के खिलाफ मंगलवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का पुतला जलाकर अपने गुस्से का इजहार किया. दरअसल, झारखंड सरकार ने गैर मजरूआ खास एवं गैर मजरूआ आम जमीन को बादम एनटीपीसी कोल माइंस को आवंटित किया है. सरकार से इस फैसले से इलाके के किसान और भू-रैयत नाराज हैं. नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार की शाम मुख्यमंत्री का पुतला जलाकर बादम चौक को जाम कर दिया.
एनटीपीसी को 30 साल के लिए जमीन लीज पर देने से रैयत नाराज
किसानों ने कहा कि बड़कागांव प्रखंड के गांवों में झारखंड की वर्तमान सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है. सरकार ने एनटीपीसी बादम कोयला खनन परियोजना के लिए बड़कागांव अंचल की गैर मजरूआ खास एवं गैर मजरूआ आम भूमि को 30 साल के लिए लीज पर देने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले से बादम, गोंदलपूरा, हरली राउत पारा सहित विभिन्न गांवों के लोग और भू-रैयत बेहद नाराज हैं.
बादम के बस स्टैंड पर जलाया सीएम का पुतला
जैसे ही लोगों को पता चला कि झारखंड सरकार ने बादल कोल परियोजना के लिए एनटीपीसी को जमीन का आवंटन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, उनका गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित ग्रामीणों और रैयतों ने बादम के बस स्टैंड मुख्य चौक पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया. सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की.
Villagers Burnt Jharkhand CM Effigy: मनमानी बंद करे सरकार – सबूर महतो
सीएम का पुतला दहन करने के दौरान केंद्रीय कुशवाहा समाज के अध्यक्ष सबूर महतो ने सरकार के फैसले पर कड़ा ऐतराज किया. कहा कि सरकार मनमानी करना बंद करे. सरकार जनता के वोट से बनती है, कोयला कंपनियों से नहीं. इसलिए ऐसा कोई भी फैसला लेते समय सरकार को ग्रामीणों और रैयतों के हक में सोचना चाहिए.
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लोगों की नहीं सुन रही झारखंड सरकार – विकास महतो
किसान विकास महतो ने कहा कि आज की लोगों की नहीं सुन रही. बड़कागांव पश्चिमी क्षेत्र और केरेडारी क्षेत्र पूरी तरह से कोयला कंपनियों की काल कोठरी में समा गये हैं. विकास महतो ने कहा कि वहां के रैयत अपना सब कुछ खोकर खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. आरोप लगाया कि सरकार सहित तमाम सिस्टम कंपनियों के हाथों बिक गये हैं. उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है.
सरकार को सबक सिखाना होगा – विकास महतो
विकास महतो ने कहा कि ग्रामीण एकजुट हैं. सरकार के इस फैसले को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. मरते दम तक कोयला कंपनियों के विरुद्ध चट्टान की तरह डटे रहेंगे. ग्रामीणों का मानना है कि सरकार की ओर से एनटीपीसी को जमीन लीज पर देने का फैसला उनके जल, जंगल, जमीन के अधिकारों का हनन है. कहा कि सरकार को सबक सिखयेंगे, तभी ग्रामीणों की जमीन बचेगी.
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