हजारीबाग का लोटवा डैम और चमेली झरना बना डेंजर जोन, अब तक हुए कई बड़े हादसे

हजारीबाग का लोटवा डैम और चमेली झरना डेंजर जोन बन चुका है. 17 अक्टूबर को लोटवा डैम में हुई घटना कोई नई नहीं है. इससे पहले भी यहां कई हादसे हो चुके हैं.

By Jaya Bharti | October 18, 2023 5:01 PM

इचाक (हजारीबीग), रामशरण शर्मा : हजारीबाग जिले का नेशनल पार्क पर्यटन के दृष्टिकोण से मनोरम है, पर खतरे से खाली नहीं है. सुरक्षा नदारत है जिस कारण शहर के विद्यार्थी युवक युवतियां बेखौफ होकर प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लेने और डैम को देखने हर दिन पहुंचते हैं, पर नादानी के कारण जान गवां बैठते हैं. नेशनल पार्क के घने जंगल के बीच (एनएच 33 सड़क के पश्चिम दिशा में) बाघमारा डैम और राजडेरवा झील है. वहीं सड़क से पूरब सलपर्णी जंगल का क्षेत्र है. जंगल के बीच सालपर्णी डैम और लोटवा डैम हैं. वहीं जंगल से सटा चमेली झरना है, जहां पत्थर उत्खनन के कारण खदान काफी गहरा हो चुका है. इस खदान में सालों भर काफी पानी रहता है, जिसका लुत्फ उठाने से बच्चे बाज नहीं आते. वहां पहुंचते ही युवकों के मन में नहाने की इच्छा जाग उठती है और वे काल के गाल में समा जाते हैं. 17 अक्तूबर को भी वहीं हुआ और लोटवा डैम में नहाने गए छह छात्रों की डूबने से मौत हो गई. स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक डैम के लिए यह पहली घटना है.

1974-75 में बना है लोटवा डैम

लोटवा गांव के सेवानिर्वित सैनिक राधा बल्लभ मिंज ने बताया कि लोटवा डैम का निर्माण वर्ष 1974-75 में सिंचाई विभाग के द्वारा कराया गया है. इस डैम के पानी से पदमा प्रखंड के अधिकांश गांव में नहर के जरिए सिंचाई होता है.

चमेली झरना में पूर्व में भी घट चुकी है घटना

हजारीबाग के चमेली झरना में भी प्रायः घटनाएं घटती रहती हैं. 24-25 अगस्त 2023 को बरही थाना क्षेत्र के करसो गांव की महिला कुंती देवी और उसके तीन बच्चे कर्ण कुमार, रिया कुमारी और आयशु कुमार के शव को इचाक और पदमा पुलिस ने गहरे पानी से बरामद किया था. इससे पहले 20 अप्रैल 2023 को इचाक थाना क्षेत्र के पारटांड़ भुसाई के रहने वाले 18 वर्षीय प्रिंस कुमार की मौत डूबने से हुई थी. मृतक प्रिंस अपने सगे भाई समेत सात दोस्त के साथ चमेली झरना घूमने गए थे. दरअसल, स्नान करने के दौरान कुछ विद्यार्थी पानी में डूब गए थे. छह लोग किसी तरह तैरकर निकल गए, लेकिन प्रिंस कुमार की मौत पानी में डूबने से हो गई थी.

सुरक्षा के हो पुख्ता इंतजाम

स्थानीय लोगों की मानें तो नेशनल पार्क क्षेत्र में सुरक्षा गार्ड का होना अति आवश्यक है. जिला प्रशासन को इसके लिए पहल करनी चाहिए. इसके अलावा सभी डैम और झरना के पास बोर्ड लगाना अति आवश्यक समझा जा रहा है. बोर्ड में गहरे पानी की जानकारी अंकित हो तो, कोई भी व्यक्ति या छात्र सूचना को पढ़कर जोखिम उठाने से बाज आएंगे, तभी इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगेगा.

Also Read: हजारीबाग लोटवा डैम हादसा : छह दोस्तों की मौत के बाद सदमे में है शानू कुमार

Next Article

Exit mobile version