शेयर बाजार में क्यों मचा हाहाकार, सेंसेक्स-निफ्टी में आई जोरदार गिरावट? ये है असली कारण

Stock Market: फेडरल रिजर्व की नीतिगत घोषणा से पहले बढ़ी सतर्कता और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के कारण 8 दिसंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज हुई. सेंसेक्स 609 अंक टूटकर 85,102 पर और निफ्टी 226 अंक गिरकर 25,960 पर बंद हुआ. बीईएल, जोमैटो और टाटा स्टील जैसे शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट रही, जबकि टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक बढ़त में रहे. वैश्विक नीति चिंताओं और करेंसी गिरावट ने बाजार दबाव बढ़ाया.

By KumarVishwat Sen | December 8, 2025 4:26 PM

Stock Market: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से घोषित होने वाले नीतिगत फैसलों के चलते निवेशकों की सतर्कता की वजह से सोमवार 8 दिसंबर 2025 को घरेलू शेयर बाजार में हाहाकार मचा रहा. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सेंसेक्स-निफ्टी में जोरदार गिरावट दर्ज की गई. कारोबार के आखिर में बीएसई सेंसेक्स करीब 609.68 अंक या 0.71% गिरावट के साथ 85,102.69 अंकों पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी भी 225.90 अंक या 0.86% फिसलकर 25,960.55 अंक के स्तर पर पहुंच गया.

इन शेयरों में भारी गिरावट

शेयर बाजार के कारोबारी सत्र में बीएसई सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से 26 के शेयर धराशायी हो गए. इनमें सबसे बड़ी गिरावट भारत इलेक्ट्रॉनिक (बीईएल) के शेयरों में देखी गई. इसके अलावा, जिन कंपनियों के शेयर लाल निशान पर बंद हुए, उनमें जोमैटो, ट्रेंट, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फिनसर्व, पावर ग्रिड, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एशियन पेंट्स, टाटा मोटर्स पैसेंज व्हीकल्स, कोटक महिंद्रा बैंक आदि प्रमुख हैं. एनएसई में इंडिगो, जोमैटो, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के शेयर नुकसान में रहे.

मुनाफे में रहे ये शेयर

शेयर बाजार में जोरदार गिरावट के बावजूद कुछ कंपनियों के शेयर मुनाफे में रहे. बीएसई पर इन शेयरों में टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं. वहीं, एनएसई पर भी टेक महिंद्रा के शेयर सबसे अधिक मुनाफे में रहे. इसके बाद विप्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए.

क्यों आई इतनी बड़ी गिरावट

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, “घरेलू शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर गिरावट देखी गई और यह 26,000 के स्तर से नीचे चला गया. इसका कारण यह है कि इस हफ्ते के फेडरल रिजर्व बैंक की पॉलिसी फैसले से पहले निवेशक सतर्क हो गए. मजबूत घरेलू विकास के आंकड़ों और (आरबीआई) की ओर से हाल ही में ब्याज दर में कटौती के बावजूद शॉर्ट-टर्म सेंटिमेंट वैश्विक मौद्रिक नीति की चिंताओं, लगातार विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) आउटफ्लो और करेंसी में गिरावट से प्रभावित रहा. जापानी बॉन्ड यील्ड में कई सालों के उच्चतम स्तर पर बढ़ोतरी से अस्थिरता और बढ़ गई, जिससे येन कैरी ट्रेड के संभावित अनवाइंडिंग का डर पैदा हो गया. इन सभी कारकों का प्रभाव घरेलू शेयर बाजार के कामकाज पर दिखाई दिया.”

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एशियाई बाजारों की कैसी रही चाल

एशिया के दूसरे बाजारों की बात करें, तो जापान के निक्केई और हांगकांग के हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया के कॉस्पी और चीन के शंघाई कंपोजिट में बढ़त देखी गई. शुक्रवार को यूरोपीय बाजार में गिरावट के साथ और अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे. अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.88% टूटकर 63.19 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है.

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