Jharkhand Toursim News: गुमला का आंजनधाम अब और दिखेगा आकर्षक, मंदिर की सीढ़ियों पर बना रूफ फ्रेमिंग,देखें Pics

इको टूरिज्म योजना से गुमला के आंजनधाम में सुंदरीकरण किया जा रहा है. साथ ही आसपास के इलाकों को भी विकसित किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आ सके. जंगल और पहाड़ों के कारण वहां का वातावरण पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देने वाला है.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 22, 2021 9:28 PM

Jharkhand News (जगरनाथ, गुमला) : गुमला जिले का प्रसिद्ध आंजनधाम मंदिर अब पहले से भी ज्यादा मनभावन हो गया है. आंजनधाम शुरू से ही लोगों की आस्था के साथ आकर्षण का केंद्र रहा है. ऊंचे पहाड़ पर स्थित आंजनधाम मंदिर में माता अंजनी की गोद में बाल हनुमान विराजमान हैं. साथ ही पहाड़ पर भगवान शिव की मंदिर है जो जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है.

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जंगल और पहाड़ों के कारण वहां का वातावरण भी मंत्रमुग्ध कर देने वाला है. रोजाना मंदिर में जहां श्रद्धालु पूजा करने के लिए पहुंचते हैं. वहीं, कई सैलानी भी जंगल और पहाड़ों के बीच बसे इस मंदिर और वहां की वादियों का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं. आंजनधाम को सुंदर बनाने में वन विभाग, गुमला लगा हुआ है.

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स्थानीय लोगों की मांग पर वन विभाग ने ऊपर मंदिर के विकास एवं सुंदरीकरण करने का वादा किया था. इस वादा को पूरा करने के लिए वन विभाग ने इको टूरिज्म योजना बनायी. योजना के तहत आंजन के विकास और सुंदरीकरण के लिए 24 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाया गया. जिससे आंजनधाम के ऊपर के मंदिर में मुख्य प्रवेश द्वार पर एक बड़ा प्रवेश द्वार निर्माण का कार्य पहले ही पूरा हो गया था.

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इसके बाद ऊपर आंजनधाम मंदिर तक पहुंचने के लिए तीन रास्ते हैं. एक रास्ता बीच से है. जो पक्का सीढ़ी का बना हुआ है. वहीं, बायां और दाहिने का ओर से ऊपर मंदिर जाने के लिए एक-एक रास्ता है. जिसमें बीच वाले सीढ़ीनुमा रास्ते एवं बायीं ओर के पगडंडी वाले रास्ते में रूफ फ्रेमिंग (शेड) का निर्माण किया गया है.

बायीं ओर वाले रास्ते में रेलिंग भी लगाया जायेगा. चूंकि वह रास्ता घाटी से सटा हुआ है. रेलिंग लगने से लोग आसानी से रेलिंग पकड़कर चढ़ और उतर सकेंगे. मंदिर के चारों ओर आवश्यकतानुसार बाउंड्रीवाल खड़ा करने का काम चल रहा है. साथ ही मंदिर में चबूतरा एवं मंदिर के ऊपर बांस छत्त बनाने एवं रंग-रोगन सहित अन्य फिनिशिंग का काम चल रहा है.

अब टोटो में एक तोरणद्वार बनाने की जरूरत

टोटो से आंजनधाम पथ पर प्रवेश करने वाले मुख्य द्वार पर भी एक बड़ा तोरणद्वार बनाने की जरूरत है. बता दें कि पूर्व में तोरणद्वार बनाने का कार्य चल रहा था, लेकिन किसी कारणवश कार्य लटक गया. जो आज तक अधर पर ही लटका हुआ है. चूंकि आंजनधाम अपनी मनोरम वादियों के लिए सिर्फ गुमला जिला ही नहीं, बल्कि आसपास के लोहरदगा, सिमडेगा, चतरा, डालटनगंज, रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर सहित पूरे झारखंड राज्य में प्रसिद्ध है. यहां तक आसपास के राज्यों के जशपुर, रायडीह, बंगाल आदि जगहों में भी प्रसिद्ध है.

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लोग दूर-दूर से आंजनधाम घुमने के लिए आते हैं. ऐसी स्थिति में टोटो से आंजनधाम जाने वाले मुख्य प्रवेश द्वार पर एक बड़ा तोरणद्वार बनाने की जरूरत है. इसी प्रकार डुमरी प्रखंड के बाबा टांगीनाथ धाम के नाम पर रायडीह प्रखंड के मांझाटोली में एक बड़ा से तोरणद्वार बनाया गया है. इस तोरणद्वार को जिले के तकनीकी विभाग द्वारा बनाया गया है. इसलिए टोटो में भी विभाग द्वार तोरणद्वार बनाया जा सकता है. तोरणद्वार बनने से झारखंड एवं पड़ोसी राज्यों के विभिन्न जिलों से आंजनधाम पहुंचने वाले लोगों को आंजनधाम का मार्ग ढुंढने में सुविधा होगी.

इको टूरिज्म से आंजनधाम व अासपास की बदलेगी सूरत : डीएफओ

इस संबंध में वन विभाग, गुमला के डीएफओ श्रीकांत ने बताया कि इको टूरिज्म योजना के तहत ऊपर आंजनधाम मंदिर के विकास और सुंदरीकरण का काम चल रहा है. काम अंतिम चरण पर है. जल्द ही काम पूरा हो जायेगा. इसके बाद फेज-2 में भी आंजनधाम के सुंदरीकरण का काम होगा. वहीं, टोटो में तोरणद्वार बनाने के संबंध में बताया कि टोटो में तोरणद्वार बनाने के लिए संबंध में प्लान नहीं बनाया गया है. लेकिन, कोशिश रहेगी कि वहां भी एक तोरणद्वार बने, ताकि सैलानियों को सुविधा हो. उन्होंने बताया कि टोटो से आंजनधाम तक पहुचंने वाले सड़क के किनारे-किनारे पौधारोपण भी कराने की योजना है. इस योजना पर भी बाद में काम किया जायेगा.

Posted By : Samir Ranjan.

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