कई बार मुठभेड़ में बच निकला है सुधाकरण

एक करोड़ के इनामी सुधाकरण के सरेंडर करने की जानकारी प्राप्त करते रहे लोग, खुद संगठन के लोग भी परेशान हैं गुमला : एक करोड़ रुपये का इनामी भाकपा माओवादी का शीर्ष नेता सुधाकरण रेड्डी व उसकी पत्नी नीलिमा के सरेंडर करने की सूचना है. नीलिमा पर भी 25 लाख रुपये का इनाम घोषित है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 12, 2019 6:08 AM

एक करोड़ के इनामी सुधाकरण के सरेंडर करने की जानकारी प्राप्त करते रहे लोग, खुद संगठन के लोग भी परेशान हैं

गुमला : एक करोड़ रुपये का इनामी भाकपा माओवादी का शीर्ष नेता सुधाकरण रेड्डी व उसकी पत्नी नीलिमा के सरेंडर करने की सूचना है. नीलिमा पर भी 25 लाख रुपये का इनाम घोषित है. जैसी खबर आ रही है. पति-पत्नी ने तेलंगाना पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है. ये दोनों बड़े नक्सली गुमला जिले में लंबे समय तक सक्रिय रहे हैं. गुमला में पुलिस के साथ हुई कई मुठभेड़ में सुधाकरण बच निकला है. अभी दो महीना पहले सुधाकरण गुमला में था.
वह लातेहार जिला के बूढ़ा पहाड़ अपने दस्ते के साथ जा रहा था. तभी गुमला पुलिस के साथ सुधाकरण के दस्ते की मुठभेड़ रायडीह प्रखंड के लालडीपा जंगल में हुई थी. लेकिन उस समय सुधाकरण अपने दस्ते से निकल गया था. गुमला से लातेहार जिला में प्रवेश करने के बाद इन दो महीने में सुधाकरण रहस्यमय ढंग से गायब हो गया था. इसके बाद अचानक सोमवार को खबर मिली कि सुधाकरण ने अपनी पत्नी नीलिमा के साथ सरेंडर कर दिया है.
हालांकि सुधाकरण व नीलिमा के सरेंडर करने की सूचना गुमला पुलिस को नहीं है. एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने कहा कि यह जानकारी रांची हेडक्वार्टर पुलिस ही दे सकती है. इधर, सुधाकरण के सरेंडर करने की जानकारी जब गुमला जोन के माओवादियों के खेमे तक पहुंची तो वे लोग भी इसकी पुष्टी करने में जुट हुए हैं. गुमला जोन के माओवादी कमांडरों ने अपने कुछ साथियों के साथ इसकी पुष्टी करने का प्रयास किया है.
इसके अलावा कई ठेकेदार भी इसकी पुष्टी में जुटे हुए थे. यहां बता दें कि सुधाकरण का अधिकांश समय दक्षिणी कोयल शंख के गुमला व लातेहार जिला के जंगलों में गुजरा है. नक्सली अरविंद की मौत के बाद सुधाकरण ही झारखंड व छतीसगढ़ राज्य में माओवादियों का नेतृत्व कर रहा था. एनआइए ने सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा को भगोड़ा घोषित कर रखा था. पुलिस को कई मामलों में उसकी तलाश थी. गुमला में कई बार सुधाकरण के दस्ते के साथ पुलिस की मुठभेड़ हो चुकी है. लेकिन हर बार सुधाकरण बच कर निकलते रहा है. इसका मुख्य कारण सुधाकरण सुरक्षा के घेरे में चलता था.

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