सनौर पुल के दो पीलर कमजोर, हादसे का डर
पथरगामा प्रखंड के कोरका घाट और पकड़िया के बीच चीर नदी पर करीब चार करोड़ की लागत से बना उच्च स्तरीय पुल रात के समय अचानक ध्वस्त हो गया था.
संकट. कोरका घाट पुल की तरह हो सकता है हादसा, मरम्मत की पहल नहीं संवाददाता, गोड्डा दिसंबर 2018 की घटना है. वह भी कड़ाके की ठंड वाली रात. पथरगामा प्रखंड के कोरका घाट और पकड़िया के बीच चीर नदी पर करीब चार करोड़ की लागत से बना उच्च स्तरीय पुल रात के समय अचानक ध्वस्त हो गया था. विशेष प्रमंडल द्वारा निर्मित पुल पर जब 16 चक्के वाला ट्रक गुजर रहा था, तभी बीच का हिस्सा अचानक धराशायी हो गया. पुल के ढहने से किसी तरह की जनहानि नहीं हुई, लेकिन सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था और विभागीय लापरवाही भी उजागर हुई थी. अब एक बार फिर कोरका घाट पुल की याद ताजा हो गयी है. बसंतराय प्रखंड के सनौर गांव के पास बने उच्चस्तरीय पुल की नींव से सरिया बाहर निकलने के बाद लोगों में आशंका बढ़ गयी है कि कहीं इसका हाल भी पकड़िया पुल जैसा न हो जाये. विशेष तौर पर तब से डर बढ़ गया है. जब निरीक्षण करने पहुंची विशेष प्रमंडल की टीम ने स्पष्ट किया कि सनौर पुल के दो पीलर कमजोर हैं. इस पर भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पड़ सकती है. इससे न केवल आसपास के प्रखंडों के लोग बल्कि बिहार की ओर जानेवाले वाहन चालक भी चिंतित हैं. बताते चलें कि सनौर गांव का उच्चस्तरीय पुल इस बार बालू माफिया का शिकार बन गया है. पुल के पीलरों और नींव को बालू तस्करों ने इतना नुकसान पहुंचाया है कि उसकी मजबूती प्रभावित हुई है. हालांकि लोगों की मांग है कि विभाग समय रहते आवश्यक निर्देश जारी करे और इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए संवेदनशीलता दिखाए, ताकि किसी बड़े हादसे को रोका जा सके.
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